दो साल में 1,000 कंपनियां आईपीओ लाने की तैयारी में; तीन लाख करोड़ रुपए का फंड जुटाने की उम्मीद
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अगले वित्त वर्ष (2025-26) में आईपीओ और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल फंडरेजिंग (क्यूआईपी) के जरिए कुल 3 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जुटाए जाने की उम्मीद है।
मुंबई: एसोसिएशन ऑफ इन्वेस्टमेंट बैंकर्स ऑफ इंडिया (एआईबीआई) ने शुक्रवार को अनुमान जताया कि अगले दो वित्त वर्षों में प्राथमिक बाजार में आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के जरिए करीब 1,000 नई कंपनियां निवेशकों को आकर्षित करेंगी। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय पूंजी बाजार तीव्र गति से बढ़ रहा है। मजबूत आर्थिक विकास, अनुकूल बाजार स्थितियां और नियामक ढांचे में सुधार से आईपीओ के जरिए धन जुटाने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ेगी। अगले वित्त वर्ष (2025-26) में आईपीओ और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल फंडरेजिंग (क्यूआईपी) के जरिए कुल 3 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जुटाए जाने की उम्मीद है।
पिछले छह वित्तीय वर्षों में कुल 851 कंपनियों ने पूंजी बाजार से धन जुटाया। इसमें 281 नई कंपनियां मुख्य बाजार मंच पर सूचीबद्ध हुई हैं। मौजूदा स्थिति यह है कि पूंजी बाजार में सूचीबद्ध होने वाली सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार की कंपनियों (एसएमई) की संख्या बढ़ रही है और निवेशक भी इससे भारी लाभ उठा रहे हैं। परिणामस्वरूप, अब तक 570 कंपनियां उनके विशेष प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध हो चुकी हैं। इसके जरिए इन कंपनियों ने सामूहिक रूप से 4.58 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं।
वित्त वर्ष 2024 में आईपीओ के जरिए कुल 67,955 करोड़ रुपये जुटाए गए। इसमें से 61,860 करोड़ रुपये मुख्य प्लेटफॉर्म के जरिए और 6,095 करोड़ रुपये एसएमई प्लेटफॉर्म के जरिए जुटाए गए। इसके अलावा, 61 कंपनियों ने क्यूआईपी के जरिए लगभग 68,972 करोड़ रुपये जुटाए। भारत ने 2024 में आईपीओ की संख्या के मामले में दुनिया का शीर्ष देश बनकर एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की। लगभग 335 आईपीओ के साथ भारत ने अमेरिका और यूरोप को भी पीछे छोड़ दिया। पिछले दो वित्तीय वर्षों में आईपीओ के माध्यम से धन जुटाने की मात्रा में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। एआईबीआई के चेयरमैन महावीर लूणावत ने कहा कि अगले वित्त वर्ष यानी 2025-26 में आईपीओ और क्यूआईपी के जरिए जुटाई गई कुल पूंजी 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है।
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