कौन है भारत में गोल्ड का किंग, सरकार के लिए ‘संकटमोचक’ है सोना, इसलिए माना जाता है इन्वेस्टमेंट का बेस्ट ऑप्शन।
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वैसे तो सोना महंगा होने के साथ काफी आकर्षण वाली चीज है लकिन भारतीय समाज में हमेशा से ही सोना समृद्धि और संपन्नता का प्रतीक रहा है . भारतीय महिलाएं दुनिया में सबसे अधिक सोने के गहने पहनती हैं . यह केवल एक आभूषण नहीं बल्कि एक निवेश का माध्यम भी है . लेकिन क्या आपको पता है भारत में सोना ज्यादा कहां है.
सबसे अधिक सोने के भंडार का मालिक
भारत सोने का उपभोक्ता होने के साथ-साथ इसके भंडार के लिए भी जाना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का कौन सा राज्य सबसे अधिक सोने के भंडार का मालिक है? एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत का लगभग 80 प्रतिशत सोने का उत्पादन केवल कर्नाटक से होता है. कर्नाटक का हुट्टी गोल्ड माइन देश का एकमात्र सक्रिय प्राथमिक सोने का खदान है, जहां से सबसे अधिक सोना निकाला जाता है.
कर्नाटक के बाद बिहार भारत के कुल सोने के भंडार का 44 प्रतिशत हिस्सा रखता है. राजस्थान 25 प्रतिशत और कर्नाटक 21 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ इस सूची में क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. इन राज्यों के सोने के भंडार न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देते हैं बल्कि इसके विकास में भी योगदान करते हैं.
सोने के भंडार के मामले में सबसे आगे
सोने का वैश्विक परिप्रेक्ष्य भी तो है. वैश्विक स्तर पर बात करें तो अमेरिका सोने के भंडार के मामले में सबसे आगे है. अमेरिका के पास लगभग 8,133 टन सोना है, जिसकी कीमत लगभग 45 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है. यह आंकड़ा वैश्विक अर्थव्यवस्था में सोने के महत्व को दर्शाता है.
सरकार और सोने का संबंध क्या है
इसे भी जान लीजिए. सरकार के लिए सोना न केवल विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा है, बल्कि इसे आर्थिक संकट के समय एक सुरक्षित विकल्प के रूप में भी देखा जाता है. साथ ही, खनन और सोने के आयात-निर्यात पर निर्भर अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करना सरकार की प्राथमिकता है.
निवेश के लिए सोना क्यों?
सोना लंबे समय से निवेश का एक भरोसेमंद विकल्प रहा है. आर्थिक अस्थिरता के समय इसकी कीमतें स्थिर रहती हैं. चाहे गहनों के रूप में हो या बुलियन के रूप में, सोना हर दृष्टिकोण से एक सुरक्षित और लाभदायक निवेश है.
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