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    April 23, 2025

    उन्होंने दूध बेचा, झुग्गी-झोपड़ी में रहे… 1000 रुपए का कर्ज लेकर निकले और आज हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं।

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    कड़ी मेहनत और लगन से व्यक्ति कुछ भी कर सकता है। आज हम एक ऐसे व्यक्तित्व के बारे में जानेंगे जो यह सिद्ध करता है। इस व्यक्ति ने जीवन की शुरुआत शून्य से की और अपना खर्च चलाने के लिए किताबें, पटाखे बेचे और यहां तक ​​कि दूध भी बेचा। लेकिन आज वही व्यक्ति दुबई में सबसे अमीर भारतीय है, न सिर्फ हजारों करोड़ की संपत्ति का मालिक है।

    इस व्यक्ति का नाम रिज़वान साजन है। रिज़वान साजन का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। बचपन में उन्हें आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ा। अपने खर्चों को पूरा करने और परिवार की सहायता करने के लिए वे जो भी काम कर सकते थे, करते थे। आज रिजवान साजन दुबई में सबसे अमीर भारतीयों में से एक हैं। संयुक्त अरब अमीरात के वित्त मंत्रालय के अनुसार, उनके पास लगभग 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 21,600 करोड़ रुपये) की संपत्ति है।

    लेकिन ये सब करते हुए भी उन्होंने दृढ़ इच्छाशक्ति बनाए रखी और प्रयास जारी रखा। अपनी कड़ी मेहनत की बदौलत आज वे जिस मुकाम पर पहुंचे हैं, वहां पहुंचना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। मुंबई के घाटकोपर की एक झुग्गी बस्ती में जन्मे रिजवान का बचपन झुग्गियों में ही बीता।

    एक इंटरव्यू में रिजवान ने बताया कि जब उनके पिता ने लॉटरी जीती तो वे एक छोटे से घर में शिफ्ट हो गए। वह कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाता था। उसे घर से इतने पैसे नहीं मिलते थे कि वह स्कूल कैंटीन से कुछ खा सके। यहीं से उन्होंने पैसा कमाने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया। रिज़वान ने शुरुआत में अपने पिता से 1000 रुपये उधार लिये थे। इस पैसे से उसने थोक में कुछ किताबें खरीदीं और उन्हें अपने दोस्त को बेच दिया। इससे उसे कुछ पैसे मिले।

    खर्च चलाने के लिए उन्होंने दूध बांटा, राखी, पटाखे आदि बेचे। जब वह 16 वर्ष के थे तब उनके पिता की असमय मृत्यु हो गई और रिज़वान को अपनी शिक्षा बीच में ही छोड़नी पड़ी। अपने पिता की मृत्यु के बाद, उन्हें घर चलाने के लिए पैसों की जरूरत थी। उस समय वह मुंबई में 6,000 रुपये प्रति माह कमाते थे। लेकिन कुवैत में उनका वेतन बढ़कर लगभग 15,000 रुपये हो गया।

    रिज़वान 1981 में मुंबई में काम करते हुए कुवैत चले गए। कुवैत जाकर उन्हें तुरंत 18 हजार रुपए महीने की नौकरी मिल गई। वहां उन्होंने अपने चाचा की निर्माण सामग्री की दुकान में प्रशिक्षु सेल्समैन के रूप में अपना करियर शुरू किया। धीरे-धीरे कुवैत में उनका पद और धन दोनों बढ़ता गया। उनकी लगन और काम करने का तरीका उन्हें तेजी से आगे ले गया। हालाँकि, इस बीच 1991 में खाड़ी युद्ध के कारण उन्हें मुंबई लौटने पर मजबूर होना पड़ा। इससे उनकी आकांक्षाएं कुछ समय के लिए रुक गयीं। इसके बाद उन्होंने 1993 में एक ट्रेडिंग फर्म शुरू की। इसके बाद उनकी जिंदगी के पहिये घूमने लगे।

    असफलता के डर के बिना, साजन ने अपना रास्ता खुद बनाने का फैसला किया। 1993 में दुबई में निर्माण सामग्री का व्यवसाय शुरू करने वाले साजन ने अपनी कंपनी का नाम डेन्यूब ग्रुप रखा। उनकी दूरदर्शिता और सरलता ने इस छोटे व्यवसाय को संयुक्त अरब अमीरात की सबसे बड़ी निर्माण सामग्री कंपनियों में से एक में बदल दिया। 2019 तक, डेन्यूब ग्रुप ने 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का वार्षिक कारोबार हासिल कर लिया और बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर ली।

    साजन के डेन्यूब ग्रुप ने दुबई में अपने निर्माण सामग्री कारोबार का तेजी से विस्तार किया। कंपनी ने गृह सज्जा, रियल एस्टेट और अन्य क्षेत्रों में भी काम करना शुरू कर दिया। इससे कंपनी को ओमान, बहरीन और सऊदी अरब सहित मध्य पूर्वी बाजारों में मजबूत स्थिति प्राप्त हुई। फोर्ब्स के अनुसार, रिज़वान ने 2014 में मध्य पूर्व में रियल एस्टेट क्षेत्र में प्रवेश किया। उन्होंने अब तक यूएई में 25 से अधिक आवासीय परियोजनाएं शुरू की हैं। इसमें बड़ी संख्या में लक्जरी परियोजनाएं शामिल हैं।

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