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    April 23, 2025

    मुंबई में एक युद्धपोत और एक पनडुब्बी का उद्घाटन करने के बाद मोदी की प्रतिक्रिया, “कोई विस्तारवाद नहीं, विकास की भावना से काम चल रहा है।”

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    छत्रपति शिवाजी महाराज ने नौसेना को नई ताकत और नई दृष्टि दी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, आज उनकी पवित्र धरती पर हम 21वीं सदी में नौसेना को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठा रहे हैं।

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुम्बई के मझगांव डॉक पर युद्धपोतों ‘आईएनएस सूरत’, ‘आईएनएस नीलगिरी’ और पनडुब्बी ‘आईएनएस वाघशीर’ का जलावतरण किया। दो युद्धपोतों और एक पनडुब्बी का एक साथ जलावतरण भारत की रक्षा क्षमताओं के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। आईएनएस सूरत सबसे बड़ा और सबसे उन्नत विध्वंसक है। यह मिसाइल ले जाने वाली (पी15बी गाइडेड मिसाइल) परियोजना का चौथा और अंतिम विध्वंसक है। इसमें से 75 प्रतिशत प्रौद्योगिकी स्वदेशी है। आईएनएस नीलगिरि इस अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी परियोजना (पी17ए स्टील्थ फ्रिगेट) का पहला युद्धपोत है। आईएनएस वाघशीर (पी75 स्कॉर्पियन) परियोजना की छठी पनडुब्बी है और इसका निर्माण फ्रांसीसी सहयोग से किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी जल-विमोचन के दौरान उपस्थित लोगों से बातचीत की।

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “मैं उन सभी को नमन करता हूं जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।” मैं भारत की सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रहे बहादुर सैनिकों को सलाम करता हूं। आज भारत की सामुद्रिक धरोहर नौसेना के गौरवशाली इतिहास और आत्मनिर्भर भारत मिशन के लिए बहुत बड़ा दिन है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने नौसेना को नई ताकत और नई दृष्टि दी थी। आज उनकी पवित्र धरती पर हम 21वीं सदी में नौसेना को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहे हैं। “यह पहली बार है कि एक विध्वंसक, फ्रिगेट और पनडुब्बी को एक साथ शामिल किया जा रहा है।”

    उन्होंने कहा, ‘‘सबसे गर्व की बात यह है कि तीनों नावें भारत में बनी हैं। मैं भारतीय नौसेना, कारीगरों, श्रमिकों और इंजीनियरों को बधाई देता हूं। आज का आयोजन हमारी गौरवशाली विरासत को भविष्य की हमारी आकांक्षाओं से जोड़ता है। महान समुद्री यात्राएँ, वाणिज्य, जहाज़ उद्योग और रक्षा सभी का एक समुद्री इतिहास है। मोदी ने कहा, ‘‘आज का भारत अपने इतिहास से प्रेरणा लेकर एक प्रमुख समुद्री शक्ति बन रहा है।’’

    सागर के विकास के लिए सागर का मंत्र
    आज, भारत को पूरे विश्व में ग्लोबल साउथ में एक विश्वसनीय और जिम्मेदार मित्र के रूप में जाना जाता है। भारत विस्तारवाद की नहीं, विकासवाद की भावना से काम करता है। भारत ने सदैव एक खुले, सुरक्षित, समावेशी, समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन किया है। जब महासागर के विकास की बात आई तो भारत ने मंत्र दिया सागर… सागर का मतलब है क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास। जब भारत ने जी-20 की अध्यक्षता संभाली, तो हमने विश्व को एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का मंत्र दिया। कोरोना से लड़ाई में भारत ने One Earth, One Health का विजन दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘‘हम पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं।’’

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