11 मुस्लिम बहुल सीटें, 12.9% आबादी, दिल्ली चुनाव में किसका गेम बिगाड़ेंगे मुसलमान वोटर? समझिए पूरी ABCD.
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दिल्ली विधानसभा चुनावों के ऐलान के बाद सभी पार्टियां वोटर्स को साधने में लग गई हैं. हर बार की तरह इस बार भी मुस्लिम वोटों को लेकर असमंजस के स्थिति बनी हुई है. समझ नहीं आ रहा है कि दिल्ली की लगभग एक दर्जन सीटों पर असर रखने वाले मुस्लिम किस पार्टी की झोली भरेंगे.
दिल्ली में चुनावी बिगुल बज चुका है. 5 फरवरी को एक ही चरण में वोट डाले जाएंगे. इसके अलावा 8 फरवरी को नतीजों का ऐलान किया जाएगा. अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP) पिछले कई चुनावों से किसी भी पार्टी अपने आस-पास नहीं फटकने दे रही है. कांग्रेस के हालात पहले ही बुरे हैं, जबकि भाजपा इस बार केजरीवाल को बेदखल करके सत्ता में वापसी की उम्मीद जाहिर कर रही है. लेकिन हर चुनाव की इन चुनावों में पार्टियों की नजर मुस्लिम वोटों पर गड़ी हुई है. ऐसे में जानते हैं कि आखिर दिल्ली में मुस्लिम वोटों का समीकरण क्या है? दिल्ली की कुल आबादी में 12.9 मुसलमान हैं, ऐसे में उनके वोट चुनावी नतीजों के लिए काफी अहम हो जाते हैं.
ये तो जग-ज़ाहिर है कि मुस्लिम भाजपा की तरफ टेढ़ी नजर से देखते हैं और वो उसी पार्टी को वोट करते हैं, जिसमें उन्हें भाजपा को हराने की ताकत नजर आती है. पिछले कुछ चुनावों पर नजर डालें तो 2013 में कांग्रेस पार्टी को 6 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, हालांकि 2015 से ये वोट कांग्रेस के हाथों से फिसलकर आम आदमी पार्टी की झोली में जा गिरा. 2015 के चुनावों में आम आदमी पार्टी ने मुस्लिम बहुल 11 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस पार्टी के वोट शेयर में 2013 की तुलना में 2015 में 18 प्रतिशत की गिरावट हुई थी. वहीं पिछले चुनाव यानी 2020 पर नजर डालें तो मुस्लिम वोटर्स एक बार फिर पूरी तरह आम आदमी पार्टी के खाते में गया. इस चुनाव में सभी 11 सीटों पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे.
AAP को सता रहा है डर
इस बार भी कयास लगाए जा रहे हैं कि मुस्लिम वोटर्स आप के पक्ष में होने की संभावना है. हालांकि बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि कांग्रेस अपना चुनाव अभियान कैसा रखती है. साथ ही वो किस तरह के ऐलान करती है. या फिर ये भी निर्भर करता है कि क्या कांग्रेस मुस्लिम वोटर्स के स्वाद वाले उम्मीदवारों को मैदान में उतार पाएगी या नहीं? हालांकि ये सब इतना आसान नहीं है, क्योंकि लोकसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो कुल 11 सीटों में से 7 पर कांग्रेस आगे रही, 3 पर बीजेपी और 1 पर आप पर आगे रही. ऐसे में आम आदमी पार्टी की धड़कनें भी मुस्लिम वोटर्स को लेकर धड़क रही हैं. क्योंकि दूसरी तरफ AIMIM में दिल्ली में डेब्यू करने जा रही है.
AIMIM में भी बिगाड़ेगी खेल
इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) भी इस बार दिल्ली में अपनी किस्मत आजमा रही है. ओवैसी भी मुस्लिम बहुल सीटों पर ही अपने उम्मीदवार उतारेंगे और दिल्ली का सियासी गणित बिगाड़ेंगे. कहा जा रहा है कि असदुद्दीन ओवैसी भी बड़ी तादाद में मुस्लिम वोट अपने हक में लेकर जाएंगे और इसका सीधा नुकसान आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को होने वाला है.
दिल्ली की 6 विधानसभा सीटें जहां सबसे ज्यादा मुस्लिम वोटर्स
Constituency Percentage
सीलमपुर 50%
मटिया महल 48%
ओखला 43%
बल्लीमारान 38%
मुस्तफाबाद 36%
बाबरपुर 35%
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