नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 8329626839 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें ,

Recent Comments

    test
    test
    OFFLINE LIVE

    Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

    April 22, 2025

    टाटा समूह ने बदली सालों पुरानी परंपरा, अब रतन टाटा ‘मॉडल’ पर काम नहीं करेगी कंपनी, नया रोडमैप तैयार।

    1 min read
    😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

    देश की सबसे बड़े औद्योगिक घराने टाटा ग्रुप ने अपनी सालों पुरानी परंपरा में बड़ा बदलाव किया है. रतन टाटा के निधन के बाद ये सालों पुरानी परंपरा बंद कर दी गई है. टाटा समूह अब अपने कारोबार के तरीकों में बड़ा बदलाव करने जा रहा है, जो पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के बिजनेस मॉडल से अलग है.

    देश की सबसे बड़े औद्योगिक घराने टाटा ग्रुप ने अपनी सालों पुरानी परंपरा में बड़ा बदलाव किया है. रतन टाटा के निधन के बाद ये सालों पुरानी परंपरा बंद कर दी गई है. टाटा समूह अब अपने कारोबार के तरीकों में बड़ा बदलाव करने जा रहा है, जो पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के बिजनेस मॉडल से अलग है. टाटा समूह ने अपनी कंपनियों को अपने कर्ज, अपनी देनदारी से खुद निपटने को कहा है. टाटा समूह ने अपनी कंपनियों को अपने स्तर पर ही अपने कर्ज और देनदारी का प्रबंधन करने को कहा है. इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक टाटा संस ने समूह की कंपनियों खासकर टाटा डिजिटल (Tata Digital),टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स( Tata Electronic) और एयर इंडिया ( Air India) जैसी नई कंपनियों को अपने कर्जों और देनदारियों का स्वतंत्र स्तर पर प्रबंधन करने को कहा है. समूह ने कंपनियों से कहा है कि वो लेंडर्स को कम्फर्ट लेट और क्रॉस-डिफॉल्ट क्लॉज प्रदान करने की आदत को बंद कर दें.

    टाटा समूह का फैसला, अपना-अपना खुद देखो
    टाटा समूह के इसे लेकर बैंको को जानकारी देते हुए लेटर ऑफ कंफर्ट और क्रॉस-डिफॉल्ट क्लॉज देने की परंपरा बंद कर दी है. टाटासंस ने बैंकों को कहा है कि कंपनी के नए उपक्रमों को भविष्य में पूंजी का आवंटन इक्विटी निवेश और आंतरिक स्रोतों के जरिए किया जाएगा. यानी टाटासंस ने बैंकों को स्पष्ट कर दिया है कि कंपनी की प्रत्योक कैटेगरी में लीडिंग लिस्टेज कंपनी ही होल्डिंग एंटिटी के तौर पर काम करेगी.

    20000 करोड़ रुपये का चुकाया था लोन
    टाटा संस ने पिछले साल आरबीआई के साथ अपने पंजीकरण प्रमाणपत्र को स्वेच्छा से सरेंडर कर दिया था. कंपनी ने अनलिस्टेड बने रहने के लिए 20 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज चुकाया था. वहीं माना जा रहा है कि नए बिजनस के लिए फंडिंग मुख्य रूप से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) से की जाएगी. इस बदलाव के बाद आगे चलकर समूह की कई कंपनियों के लिए फंड मुख्य रूप से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) से मिलने वाले डिविडेंड और सपोर्ट से की ओर से दिया जाएगा.

    टाटासंस के फैसले का असर
    टाटासंस के इस फैसले का बहुत असर पड़ता नहीं दिख रहा है, क्योंकि कंपनी की अधिकांश लिस्टेड कंपनियां जैसे टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर और टाटा कंज्यूमर खुद ही अपने फंड को मैनेज करती है. समूह की अधिकांश कंपनियां अपनी पूंजी का प्रबंधन खुद करती है. हालांकि होल्डिंग कंपनियों पर इसका असर दिख सकता है. जिसमें टाटा की बड़ी हिस्सेदारी है. बैंक उन कंपनियों की वित्तीय स्थिरता और उसकी सहायक कंपनियों में बड़ी इक्विटी हिस्सेदारी स्पष्ट गारंटी के बिना भी उन्हें लोन दे देती हैं, क्योंकि उन कंपनियों में टाटा की बड़ी हिस्सेदारी होती है.

    About The Author


    Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

    Advertising Space


    स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

    Donate Now

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You may have missed

    Copyright © All rights reserved for Samachar Wani | The India News by Newsreach.
    3:30 PM