दिसंबर की ठंड तो ट्रेलर था, जनवरी में जमकर पड़ेगी बर्फ-बारिश, उत्तर भारत वालों पढ़ लो IMD का अपडेट।
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मौसम विभाग के अनुसार इस साल जनवरी से मार्च के बीच उत्तर भारत में जबरदस्त ठंड पड़ने वाली है. बर्फबारी और बारिश की भी संभावना है. इससे सबसे अधिक किसानों को नुकसान होने वाला है.जानें क्या है इसकी वजह.
Weather Report and Forecast: उत्तर पश्चिम की दिशा से चली बर्फीली हवाओं ने नए साल के बाद पहले दिन से ही उत्तर भारत में ठिठुरन बढ़ा दी. अब मौसम विभाग ने मान लिया है कि अभी फिलहाल सर्दी के सितम से राहत मिलने की कोई उम्मीद भी नहीं है. एक हफ्ते के भीतर दो-दो पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से पश्चिमी हिमालयी राज्यों में बर्फबारी होगी. हिमाचल प्रदेश में 7 जनवरी तक बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया गया है. पंजाब में भी 12 जिलों में तीन दिनों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. इससे आने वाले दिनों में दुश्वारियां और बढ़ेंगी.
भारत के कई हिस्सों में तीव्र शीत लहर के चलते उत्तर भारत में ताजा बर्फबारी और अधिक बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग ने दिसंबर में हुई अत्यधिक बारिश के बाद जनवरी में भारत में सामान्य से अधिक बारिश की भविष्यवाणी की है. उसने कहा कि शीत लहर वाले दिनों की संख्या भी सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है.
क्यों बदला मौसम का मिजाज?
यह तब हुआ जब 2024 में 2001 के बाद से सबसे अधिक बारिश वाला दिसंबर समाप्त हुआ. देश भर में बारिश लंबी अवधि के औसत (एलपीए) से 73 प्रतिशत अधिक रही, जिसमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में लगातार बारिश हुई. इस महीने में सामान्य रूप से चार से पांच की तुलना में कुल सात पश्चिमी विक्षोभ ने उत्तर भारत को प्रभावित किया.
ये अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय तूफान भारत में सर्दियों की अधिकांश बारिश के लिए जिम्मेदार हैं, और उनकी कम गतिविधि के कारण पिछले साल दिसंबर में बर्फबारी नहीं हुई थी. हालांकि, इस बार 7 से 10 दिसंबर, 21 से 23 दिसंबर और 26 से 30 दिसंबर तक कम से कम तीन तूफान तीव्र थे और व्यापक बारिश के साथ-साथ मौसम की पहली बर्फबारी भी हुई.
जनवरी में कैसा रहेगा मौसम का हाल?
आईएमडी प्रमुख डॉ. एम. महापात्रा ने बुधवार को कहा, “जनवरी के पहले हफ़्ते में कम से कम दो लगातार पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत को प्रभावित करने वाले हैं. जहां पहला विक्षोभ तीव्र होने की उम्मीद है और पहाड़ों में भारी बर्फबारी होने की संभावना है, वहीं दूसरा विक्षोभ थोड़ा कमज़ोर हो सकता है. 5 से 7 जनवरी के आसपास मैदानी इलाकों में बारिश की गतिविधियां बढ़ने की उम्मीद है.
अगले दो दिन के लिए अलर्ट
मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के कुछ क्षेत्रों में अगले दो दिनों के दौरान घना कोहरा और शीत दिवस की स्थिति जारी रहने की संभावना है. उसके बाद स्थिति में सुधार होने की संभावना है. चार जनवरी की रात से एक नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण उत्तर-पश्चिम भारत के मौसम में बदलाव का पूर्वानुमान है. दो से तीन जनवरी तक पश्चिमी हिमालयी इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है, जबकि चार और पांच जनवरी को बारिश और बर्फबारी में और तेजी आने के आसार जताए गए हैं. 10 से 16 जनवरी के बीच न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने की संभावना है, जिस दौरान अधिक शीत लहर चलने की उम्मीद है.
कहां होगी बर्फबारी?
जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों के साथ-साथ लद्दाख में भी दिसंबर से ही ठंड और अधिक बर्फबारी हो रही है. उत्तर-पश्चिम भारत में पारा 4 डिग्री सेल्सियस से 9 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है. केवल उत्तर भारत ही नहीं, बल्कि दक्षिणी प्रायद्वीप भी लगातार बारिश की चपेट में रहा. मासिक बारिश आश्चर्यजनक रही. सक्रिय पूर्वोत्तर मानसून, साथ ही कम दबाव प्रणाली और चक्रवात ‘फेंगल’ के कारण सामान्य से 185 प्रतिशत अधिक बारिश हुई. अधिकांश अत्यधिक भारी वर्षा तमिलनाडु और केरल में दर्ज की गई. हालांकि, आईएमडी ने कहा कि जनवरी से मार्च (पूरे मौसम के लिए) के दौरान कुल मिलाकर बारिश सामान्य से कम रहने की संभावना है, हालांकि कुछ हिस्सों में अभी भी सामान्य बारिश हो सकती है.
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