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    May 5, 2025

    पकौड़े बेचे, ₹300 की नौकरी, फ‍िर ₹500 से कैसे खड़ा कर द‍िया हजारों करोड़ का साम्राज्‍य?

    1 min read
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    धीरूभाई अंबानी यमन में पेट्रोल पंप पर काम करते थे. कंपनी ने काम के प्रत‍ि उनके लगाव और मेहनत को देखकर उन्हें मैनेजर बना दिया. लेकिन वहां पर करीब छह साल ब‍िताने के बाद 1954 में धीरूभाई भारत आ गए.

    हजारों-लाखों करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली र‍िलायंस इंडस्‍ट्रीज की शुरुआत करने वाले धीरूभाई अंबानी का आज 92वां जन्‍मद‍िन है. धीरजलाल हीराचंद अंबानी उर्फ धीरू भाई अंबानी ने जब होश संभाला तो उनके घर के आर्थ‍िक हालात सही नहीं थे. हालात सही नहीं होने के कारण उन्‍होंने 16 साल की उम्र में गांव के धार्म‍िक स्‍थल के पास फल और पकौड़े बेचने का काम शुरू क‍िया. लेक‍िन इस काम से उन्‍हें कोई खास फायदा नहीं हुआ. उन्‍होंने नोट‍िस क‍िया क‍ि पूरे साल पर्यटकों के आने पर इस काम में फायदा है लेक‍िन ऐसा संभव नहीं था. ऐसे में उन्‍होंने इस काम को कुछ समय बाद ही बंद करने का फैसला क‍िया.

    यमन के एडेन शहर में 300 रुपये महीने की नौकरी
    इसके बाद वह 1948 में अपने बड़े भाई रमणिकलाल की मदद से यमन के एडेन शहर पहुंच गए. यहां उन्होंने एक कंपनी में 300 रुपये महीने की नौकरी करनी शुरू कर दी. यमन में ही उन्होंने अरब मर्चेंट में भी नौकरी की. धीरूभाई अंबानी यमन में पेट्रोल पंप पर काम करते थे. कंपनी ने काम के प्रत‍ि उनके लगाव और मेहनत को देखकर उन्हें मैनेजर बना दिया. लेकिन वहां पर करीब छह साल ब‍िताने के बाद 1954 में धीरूभाई भारत आ गए. 1955 में वह जेब में 500 रुपये लेकर किस्मत आजमाने मुंबई पहुंच गए. मुंबई शहर से ही उनकी ब‍िजनेस जर्नी की शुरुआत होती है.

    मसालों का न‍िर्याता और पोलिस्टर का आयात
    मुंबई पहुंचकर धीरूभाई अंबानी ने भारतीय बाजार को नजदीक से समझा. उन्होंने उस दौर में महसूस किया कि भारत में पोलिस्टर की मांग सबसे ज्यादा है. दूसरी तरफ विदेशों में भारतीय मसालों की मांग काफी ज्‍यादा है. उन्होंने अपना ब‍िजनेस शुरू करने का प्‍लान क‍िया और किराये का मकान ल‍िया. 1958 में धीरूभाई ने अपने चचेरे भाई चंपकलाल दिमानी की मदद से रिलायंस कमर्शियल कॉरपोरेशन की स्थापना की. इस कंपनी के जरिये उन्होंने पश्‍च‍िमी देशों में अदरक, हल्दी, इलायची, कपड़ों के अलावा कई तरह की चीजों का निर्यात किया.

    जब बन गए देश के सबसे अमीर ब‍िजनेसमैन
    बस यहां से शुरू हुआ उनका कारोबारी सफर लगातार आगे बढ़ता चला गया. धीरूभाई अंबानी ने यहां से पीछे मुड़कर नहीं देखा. देखते ही देखते वह करोड़पति बन गए. एक के बाद एक कंपनी की शुरुआत और वह साल 2000 में देश के सबसे अमीर ब‍िजनेसमैन बन गए. धीरूभाई अंबानी ने 1958 में जब रिलायंस कमर्शियल कॉरपोरेशन को शुरू क‍िया तो उस समय ऑफ‍िस उन्‍होंने 350 वर्ग फीट के ऑफिस में एक मेज, तीन कुर्सी और दो सहयोगी के साथ शुरू क‍िया था.

    कोकिलाबेन ने हर कदम पर द‍िया साथ
    1998 में धीरूभाई अंबानी को एशिया वीक पत्रिका ने ‘पावर 50: एशिया के सबसे शक्तिशाली लोगों’ की ल‍िस्‍ट में शामिल क‍िया. 2001 में रिलायंस इंडस्ट्रीज फोर्ब्स इंटरनेशनल 500 कंपनियों की ल‍िस्‍ट में एंट्री करने वाली पहली भारतीय प्राइवेट कंपनी बन गई. धीरूभाई अंबानी 1955 में कोकिलाबेन से शादी की थी. रिलायंस इंडस्ट्रीज की सफलता के पीछे धीरूभाई अंबानी के साथ ही कोकिलाबेन का भी पूरा योगदान है. कोकिलाबेन ने ज‍िंदगी के हर उतार-चढ़ाव में धीरूभाई अंबानी का साथ द‍िया. धीरूभाई अंबानी की चार बच्‍चे मुकेश (1957), अनिल (1959), दीप्ति (1961) और नीना (1962) पैदा हुआ.

    4 जून 2002 को धीरूभाई अंबानी को दूसरी बार दिल का दौरा पड़ा. उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया. 6 जुलाई 2022 को 69 साल की उम्र में धीरूभाई अंबानी का निधन हो गया. धीरूभाई अंबानी की मौत के दो साल अंदर ही मुकेश और अनिल अंबानी के बीच का झगड़ा सामने आने लगा. दोनों भाइयों के बीच की दीवार इतनी बड़ी हो गई कि धीरूभाई अंबानी की पत्‍नी कोकिलाबेन ने बिजनेस का बंटवारा कर दिया. इस बंटवारे में ICICI बैंक के तत्कालीन चेयरमैन वीके कामत ने अमह भूमिका निभाई थी.

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