आखिर कैसे हुआ CDS जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर क्रैश? तीन साल बाद असली वजह पता चली।
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एक हादसा जिसने देश को हिलाकर रख दिया… तीन साल पहले भारतीय सेना प्रमुख सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर क्रैश आखिर कैसे हुआ था? देखिये इस वक्त की बड़ी खबरें…
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की आकस्मिक मौत की जांच के लिए गठित समिति ने आखिरकार एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट सौंप दी है और इस रिपोर्ट से महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। समिति की रिपोर्ट में 8 दिसंबर, 2021 को Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना का सटीक कारण सामने आया।
समिति की टिप्पणियों और उपलब्ध जानकारी के आधार पर यह निर्धारित किया गया कि दुर्घटना मानवीय भूल का परिणाम थी। इस समय हेलीकॉप्टर में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और कुछ अन्य सैन्य अधिकारी मौजूद थे। दुर्घटना इतनी भयानक थी कि सभी की मौत हो गई। यह भयानक दुर्घटना तमिलनाडु के कुन्नूर में घटी।
मंगलवार को संसद में प्रस्तुत रिपोर्ट में रक्षा संबंधी स्थायी समिति ने 13वीं रक्षा योजना अवधि के दौरान हुई वायु सेना विमान दुर्घटनाओं के आंकड़े प्रस्तुत किए। 2021-22 में कुल 34 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें कुल 9 भारतीय वायु सेना के विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए। वर्ष 2018-19 में ऐसी 11 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं।
इस बीच, इसी रिपोर्ट में बताई गई जानकारी के अनुसार, तमिलनाडु के कुन्नूर की पहाड़ियों में जनरल रावत के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने का रिकॉर्ड मौजूद है और दुर्घटना के तीन साल बाद कारणों का विश्लेषण करते हुए एक रिपोर्ट सामने आई है। यह स्पष्ट किया गया है कि यह घटना मानवीय भूल के कारण हुई।
जनरल रावत के हेलीकॉप्टर दुर्घटना में केवल पायलट कैप्टन वरुण सिंह ही बच पाए। दुर्घटना में पायलट बच गया लेकिन बाद में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना से पूरा देश हिल गया और 2021 के अंत तक पूरा देश सदमे में है। दुर्घटना स्थल का पता चलते ही सुरक्षा बलों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया। हालाँकि, दुर्घटना इतनी भयानक थी कि शवों को घटनास्थल से हटाने में कुछ कठिनाइयाँ आईं।
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