क्या ऋण माफी और मुफ्त धन वितरण योजनाएं भविष्य के लिए खतरनाक हैं? आरबीआई ने चिंता व्यक्त की, कहा ‘भारत की वित्तीय…’
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राज्यों में क्या हो रहा है? ऋण माफी से लेकर विभिन्न आर्थिक योजनाओं पर व्यय की आरबीआई द्वारा जांच; इसका आम जनता पर क्या प्रभाव पड़ता है?
जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका इस समय एक बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जो वैश्विक आर्थिक मंदी का संकेत दे रहा है, भारत में शीर्ष बैंकिंग संस्थान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति और नीतियों पर गंभीर विचार करते हुए चिंता व्यक्त की है। .
(बैंकिंग क्षेत्र) देश में सभी बैंकों और अन्य वित्तीय लेन-देन पर नजर रखने वाले आरबीआई ने केंद्र में चुनावी लाभ के साथ विभिन्न राज्यों में लागू की गई कुछ नीतियों पर चिंता जताई है। आरबीआई की एक रिपोर्ट ने इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित किया कि इस तरह की लोकप्रिय घोषणाओं का विकास के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक विकास पर भी असर पड़ सकता है।
राज्यों की वित्तीय स्थिति पर आरबीआई की क्या राय है?
आरबीआई के अनुसार, राज्य वित्त: 2024-25 के बजट का अध्ययन शीर्षक वाली एक रिपोर्ट 19 दिसंबर, 2024 को प्रस्तुत की गई थी। कई राज्यों ने किसानों के लिए ऋण माफी की घोषणा की तथा कुछ राज्यों ने कृषि एवं घरेलू प्रयोजनों के लिए मुफ्त बिजली भी उपलब्ध कराई। बेरोजगार युवाओं को दिए जाने वाले भत्ते के अलावा 2024-25 में महिलाओं के लिए भी वित्तीय सहायता की घोषणा की जा रही है।
आरबीआई की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि राज्य सरकारों द्वारा किए जाने वाले इन सभी व्ययों का सामाजिक और आर्थिक विकास पर प्रभाव पड़ सकता है, जिससे कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों का विकास प्रभावित हो सकता है और इस प्रकार देश का भविष्य भी प्रभावित हो सकता है। इस रिपोर्ट में आरबीआई ने इस तथ्य को स्पष्ट रूप से उजागर किया है कि किसानों की कर्ज माफी, घरों और कृषि कार्यों के लिए मुफ्त बिजली आपूर्ति, मुफ्त यात्रा, सस्ती रसोई गैस और महिलाओं के खातों में जमा धन जैसी योजनाओं के कारण सरकारी खजाने पर पड़ने वाला दबाव बेहद खतरनाक है।
आरबीआई ने देशभर की राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे आने वाले समय में अपने व्यय पर नियंत्रण रखते हुए यह सुनिश्चित करें कि महत्वपूर्ण आर्थिक योजनाओं पर खर्च में कोई कमी न आए।
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