बॉलीवुड में शुक्रवार और साउथ में गुरुवार को फिल्में क्यों रिलीज़ होती हैं? यह प्रथा कब शुरू हुई?
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पूरे सप्ताह फिल्म प्रदर्शित करने के लिए केवल इन्हीं दो दिनों को क्यों चुना गया? यह प्रथा कब शुरू हुई? जानिए यगा के कारण.
बॉलीवुड फिल्में ज्यादातर शुक्रवार को रिलीज होती हैं और साउथ में फिल्में गुरुवार को रिलीज होती हैं। पूरे सप्ताह फिल्म प्रदर्शित करने के लिए केवल इन्हीं दो दिनों को क्यों चुना गया? यह प्रथा कब शुरू हुई? कभी इसके बारे में सोचा? यह महज एक संयोग नहीं है बल्कि इसके पीछे ऐतिहासिक, धार्मिक और आर्थिक कारण हैं। जानिए भारत में फिल्म रिलीज का यह अनोखा पैटर्न कब, कैसे और क्यों शुरू हुआ।
यह चलन हॉलीवुड से शुरू हुआ
1940 के दशक में हॉलीवुड में फ्राइडे फिल्में रिलीज़ होनी शुरू हुईं।
शुक्रवार का महत्व: देवी लक्ष्मी और धन की आशा
फिल्म निर्माताओं द्वारा शुक्रवार को चुनने का एक बड़ा कारण यह है कि इस दिन को लक्ष्मी का दिन माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि शुक्रवार को शुरू किया गया काम धन और सफलता लाता है, इसलिए फिल्म निर्माता इस दिन से अपनी फिल्में शुरू करना शुभ मानते हैं।
सप्ताहांत का लाभ: दर्शकों की भीड़
शुक्रवार को फिल्म रिलीज करने का सबसे व्यावहारिक कारण यह है कि यह सप्ताह का आखिरी कार्य दिवस होता है। इसके बाद शनिवार और रविवार की छुट्टियां होती हैं, जब लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ फिल्मों का आनंद लेने जाते हैं। इससे पहले पहले वीकेंड का कलेक्शन दमदार रहा था, जो फिल्म की शुरुआती सफलता का पैमाना है।
हॉलीवुड रुझान: 1940 के दशक का प्रभाव
हॉलीवुड में शुक्रवार को फ़िल्में रिलीज़ करने का चलन धीरे-धीरे भारत में भी लोकप्रिय हो गया। 1960 में भारत में रिलीज़ हुई मुग़ल-ए-आज़म को शुक्रवार को रिलीज़ होने पर बड़ी सफलता मिली। तब से यह दिन फिल्म रिलीज के लिए जाना जाता है।
दक्षिण में गुरुवार क्यों?
साउथ फिल्म इंडस्ट्री में गुरुवार को फिल्म स्क्रीनिंग का दिन माना जाता है। इसका कारण धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताएं हैं। गुरुवार को भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति का दिन माना जाता है, जो एक शुभ और भाग्यशाली दिन माना जाता है। इसीलिए साउथ में गुरुवार को फिल्में रिलीज करने की परंपरा है।
दिन पहले से तय नहीं था
प्रारंभ में भारत में फिल्मों के लिए कोई निश्चित दिन नहीं थे। फ़िल्में किसी भी दिन रिलीज़ होती थीं, लेकिन जैसे-जैसे फ़िल्म उद्योग संगठित हुआ और मार्केटिंग रणनीतियाँ बनीं, फ़िल्मों की रिलीज़ के लिए शुक्रवार और गुरुवार का दिन तय किया गया।
सप्ताहांत संग्रह का महत्व
आजकल किसी भी फिल्म की सफलता का पहला पैमाना उसका पहला वीकेंड कलेक्शन होता है। शुक्रवार को फिल्म रिलीज करने से वीकेंड के तीन दिन अधिकतम हो जाते हैं. दर्शकों की संख्या बढ़ने के कारण निर्माताओं और वितरकों के लिए पहले दिन का मुनाफ़ा बहुत महत्वपूर्ण है।
साउथ में फिल्मों की प्रमोशन रणनीति
साउथ की फिल्मों में प्रमोशन बहुत जरूरी होता है। गुरुवार को रिलीज होने वाली फिल्म दर्शकों को गुरुवार शाम से लेकर वीकेंड तक उत्साहित रखती है। गुरुवार को रिलीज़ से पहले, मीडिया और सोशल मीडिया चर्चा और प्रचार से गुलजार थे।
विशेष अवसर रीलों का चलन
त्योहारों या राष्ट्रीय छुट्टियों के आसपास फिल्में रिलीज करने का भी चलन है। उदाहरण के तौर पर दिवाली, ईद या क्रिसमस पर रिलीज होने वाली फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाती हैं, लेकिन अगर आम रिलीज की बात करें तो बॉलीवुड में शुक्रवार और साउथ में गुरुवार को पसंद किया जाता है।
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