“…तो चुनाव मत लड़ो”, ईवीएम को लेकर उमर अब्दुल्ला का कांग्रेस और ‘भारत’ में सहयोगियों से जवाब; आपने वास्तव में क्या कहा?
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ईवीएम पर भारत की बढ़त दो गुटों की हो गई है.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार (15 दिसंबर) को कांग्रेस समेत भारत गठबंधन के सभी सहयोगियों को एक सलाह दी है। अब्दुल्ला ने कहा, ‘इन लोगों (भारतीय गठबंधन पार्टियों) को ईवीएम के बारे में शिकायत करना बंद कर देना चाहिए और जो भी चुनाव परिणाम आएंगे उसे स्वीकार करना चाहिए।’ अब्दुल्ला ने ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम)’ पर अपनी सहयोगी कांग्रेस को खरी खोटी सुनाई है. अब्दुल्ला ने कहा, ‘जब आप जीतते हैं तो आप ईवीएम की आलोचना नहीं करते और जब हार जाते हैं तो ईवीएम को दोष नहीं देते।’ तो मुझे समझ नहीं आता कि आप चुनाव नतीजों को स्वीकार क्यों नहीं कर सकते?” उमर अब्दुल्ला के इस नए बयान से पता चला है कि उनकी पार्टी ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस’ कांग्रेस से नाराज है.
जम्मू-कश्मीर में सितंबर में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान अब्दुल्ला नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी और कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे थे. हालांकि, हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस ने ‘ईवीएम’ पर संदेह जताते हुए इन चुनावों के नतीजों पर संदेह जताया है. कांग्रेस नेता दोबारा पेपर बैलेट लागू करने की मांग कर रहे हैं. पीटीआई से खास बातचीत में उमर अब्दुल्ला ने कहा, ”इसी ‘ईवीएम’ मशीन की मदद से आपको लोकसभा चुनाव में 100 तक सीटें मिलीं. फिर तुमने ऐसे जश्न मनाया जैसे तुम जीत गये हो. कुछ महीनों बाद अब आप लोकसभा जैसी अपेक्षित सफलता न मिलने के लिए ‘ईवीएम’ को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. चुनाव परिणाम हमेशा आपकी अपेक्षा के अनुरूप नहीं होते।”
केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को अब्दुल्ला का समर्थन
ईवीएम पर अपने ही सहयोगियों को सलाह देने वाले उमर अब्दुल्ला से जब एक इंटरव्यूअर ने कहा कि आप बीजेपी प्रवक्ता की तरह बोल रहे हैं तो उन्होंने कहा, ”भगवान करे कि बीजेपी प्रवक्ता बनने की मेरी बारी कभी न आए. मैं केवल वही बता रहा हूं जो सच है। मैं पहले भी केंद्र सरकार के ‘सेंट्रल विस्टा’ प्रोजेक्ट का समर्थन कर चुका हूं। यह मेरी स्वतंत्र सोच को दर्शाता है।’ राजधानी दिल्ली में ‘सेंट्रल विस्टा’ को लेकर विपक्ष और मेरी राय अलग-अलग है. इस प्रोजेक्ट के साथ जो हो रहा है वह अच्छी बात है. मुझे लगता है कि एक नया संसद भवन बनाना एक उत्कृष्ट विचार था। हमें एक नये संसद भवन की जरूरत थी. पुराना संसद भवन अब उपयोगी नहीं रह गया है.
अब्दुल्ला की नाराजगी
क्या आपको लगता है कि विपक्ष, खासकर कांग्रेस द्वारा ‘ईवीएम’ के विरोध का मुद्दा गलत है? यह सवाल पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, ”इन पार्टियों को अगर मतदान प्रणाली पर भरोसा नहीं है तो उन्हें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए.” अगर वोटिंग मशीनों में समस्या है तो विपक्षी दलों को अपना ‘ईवीएम’ विरोध जारी रखना चाहिए। गौरतलब है कि सिर्फ आरोप लगाने से कोई इस पर यकीन नहीं करेगा. चुनाव जीतने के बाद मूंग निगलना और चुप रहना और हारने के बाद ईवीएम पर संदेह करना गलत है।”
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