किसानों पर पुलिस बल का इस्तेमाल न हो, हाइवे छोड़ने के लिए समझाए कमेटी- सुप्रीम कोर्ट।
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सुनवाई के दौरान कोर्ट ने खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत को लेकर अपनी चिंता जाहिर की. कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे है. निश्चित तौर पर उनकी ज़िंदगी आंदोलन से ज़्यादा अहमियत रखती है.
किसान आंदोलन से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाई पावर कमेटी से कहा है कि वो किसानों को समझाए कि वो अपना प्रदर्शन हाइवे के बजाए दूसरी जगह शिफ्ट कर दे या कुछ समय के लिए अपना प्रदर्शन स्थगित कर दे. कोर्ट ने कहा कि कमेटी अगली ही मीटिंग में किसानों से इस बारे में बात करें और इस बारे में रिपोर्ट कोर्ट को दे. दरअसल पंजाब सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि हाइवे बंद होने की वजह से राज्य को बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है.
SC ने किया था कमेटी का गठन
इससे पहले 2 सितंबर को इस मसले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज नवाब सिंह की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी का गठन किया था. कोर्ट ने कमेटी को सड़क खुलवाने के लिए किसानों से एमएसपी समेत दूसरी उनकी मांगों के बारे में बात करने के लिए कहा था. कमेटी ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी है. कोर्ट ने कहा कि कमेटी सही दिशा में काम कर रही है.उसे बातचीत कर गतिरोध सुलझाने के लिए और वक़्त दिया जाना चाहिए.
‘डल्लेवाल की सेहत का ध्यान रखें’
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत को लेकर अपनी चिंता जाहिर की. कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे है. निश्चित तौर पर उनकी ज़िंदगी आंदोलन से ज़्यादा अहमियत रखती है. कोर्ट ने केंद्र और पंजाब सरकार से कहा है कि वो जगजीत सिंह डल्लेवाल को तुरंत मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराए . केंद्र और पंजाब सरकार के प्रतिनिधि डल्लेवाल से मिलकर उन्हें आमरण अनशन तोड़ने के लिए समझाए पर अनशन तोड़ने के लिए किसी तरह की जबर्दस्ती न की जाए जब तक कि उनकी ज़िंदगी बचाने के लिए ऐसा करना ज़रूरी न हो जाए.
किसानों को भी SC की नसीहत
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस बल का इस्तेमाल नहीं किया जाए. उन्हें गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन का अधिकार है. इसके साथ कोर्ट ने किसानों को भी नसीहत दी है कि अपना प्रदर्शन शांतिपूर्ण बनाए रखें. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी.
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