हॉलीवुड डायरेक्टर का बेटा जिसने इस्लाम अपनाया और सीरिया की बगावत में लड़ा, अब सरकार में मिलेगा बड़ा पद.
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सीरिया में विद्रोही संगठन ‘हयात तहरीर अल-शाम’ ने कब्जा कर लिया है और राष्ट्रपति बशर अल असद देश छोड़कर चले गए हैं. इस बीच खबर आ रही कि विद्रोहियों में हॉलीवुड डायरेक्टर का बेटा भी शामिल हो सकता है, जिसने इस्लाम धर्म अपना लिया था और उसको सीरिया की नई सरकार में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है.
सीरिया: ब्रिटिश नागरिक और हॉलीवुड डायरेक्टर के बेटे ने लुकास ने जब इस्लाम धर्म अपनाया था तो सभी को हैरान कर दिया था. अब लुकास को लेकर एक और बड़ी खबर आ रही है कि वो सीरिया के विद्रोही समूह ‘हयात तहरीर अल-शाम’ का एक अहम सदस्य बन गया. उसने अपनी प्रभावशाली सोशल मीडिया रणनीति के बलबूते समूह के नेताओं को प्रभावित किया. किन्नी ने ऑनलाइन वीडियो में अपनी पहचान बनाई, जहां वह कंधे पर एक एके-47 राइफल के साथ दिखा. खास बात यह थी कि उसने अपने पास एक टूथब्रश भी रखा हुआ था, जिसे लेकर दर्शकों ने उसके मजाक भी बनाया.
हॉलीवुड फिल्मों में काम कर चुके हैं पिता
एक रिपोर्ट के मुताबिक वह सीरिया में जिहाद में शामिल होने वाला पहला सफेद ब्रिटिश धर्मांतरित व्यक्ति था और अब इस समूह का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया. हालांकि, यह साफ नहीं है कि वह अब भी जीवित है या नहीं. लंदन में उसके माता-पिता ने उसके ठिकाने को लेकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. किन्नी का जन्म वेस्ट लंदन के हैमरस्मिथ में हुआ था. उसके पिता पैट्रिक किन्नी (68) अमेरिकी हैं और अब फ्लोरिडा में रहते हैं. जबकि उसकी मां, डेबोरा (62) ब्रिटिश हैं. पैट्रिक ने स्टीवन स्पीलबर्ग के साथ ‘इंडियाना जोन्स एंड द लास्ट क्रूसेड’ और ‘एम्पायर ऑफ द सन’ जैसी फिल्मों पर काम किया है.
पहले बादरी बनना चाहता था लुकास
हालांकि जब लुकास कैथोलिक के एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ रहा था, तब उनके मां-बाप के बीच तलाक हो गया था. लुकास की मां डेबोरा अब अपने दूसरे पति के साथ वेस्ट कंट्री में रहती हैं और अब डेबोरा फिप्स के नाम से जानी जाती हैं. किन्नी ने किशोरावस्था में एक कैथोलिक के रूप में ‘होली कम्यूनियन’ (ईसाई धर्म की एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रथा, जो विशेष रूप से कैथोलिक, ऑर्थोडॉक्स और कुछ प्रोटेस्टेंट चर्चों में प्रचलित है) प्राप्त की और प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई के दौरान पादरी बनने की बात कही.
बशर अल-असद के खिलाफ बंदूक
कहा जाता है कि बाद में किन्नी ने मस्जिद जाना शुरू किया और फिर मध्य पूर्व की यात्रा पर चला गया. जहां उसने बशर अल-असद के खिलाफ एक ‘कलाश्निकोव’ (असॉल्ट राइफल) उठाई और इसका प्रचार वीडियो में बढ़-चढ़कर जिक्र किया. 2013 में किन्नी जिस समूह में शामिल हुआ, वह ओसामा बिन लादेन के अल-कायदा का हिस्सा था, जिसे नुसरा फ्रंट कहा जाता था. बाद में इस समूह ने अपना नाम बदलकर ‘हयात तहरीर अल-शाम’ रखा, जिसने रविवार को सीरिया पर कब्जा कर लिया.
किन्नी से बना अबू बसीर अल-ब्रिटानी
किन्नी ने जब इस्लाम कबूल करने के बाद अपना नाम बदलकर अबू बसीर अल-ब्रिटानी रख लिया था. बताया जाता है कि उसे 2018 में उत्तर-पश्चिम सीरिया के इदलिब राज्य के ग्रामीण इलाके में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते हुए देखा गया था. अगर वह जीवित है तो अब उसकी उम्र 35 साल होगी.
परिवार ने नहीं की कोई टिप्पणी
किन्नी के सौतेले पिता जो वेस्ट कंट्री में एक पत्थर के बने कॉटेज में रहते हैं ने ‘डेली मेल’ से जिहादी बनने के बारे में बात करने से इनकार कर दिया. 2015 में ‘डेली मेल’ से बात करते हुए, मिसेज फिप्स ने कहा था,’मैं इस बात से खुश हूं कि वह अल-कायदा से जुड़ा है, न कि इस्लामिक स्टेट से लेकिन जाहिर तौर पर मुझे उसकी फिक्र रहती है.’
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