सिंधुदुर्ग जिले में सीगल का आगमन।
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हजारों किलोमीटर की यात्रा कर आये इन विदेशी मेहमानों के कारण मालवन दांडी, देवबाग, भोगवे आदि समुद्र तटों पर भीड़ हो गयी है.
सावंतवाड़ी: हर साल की तरह इस साल भी मालवण सहित सिंधुदुर्ग के तट पर सीगल आ गए हैं. हजारों किलोमीटर की यात्रा कर आये इन विदेशी मेहमानों के कारण मालवन दांडी, देवबाग, भोगवे आदि समुद्र तटों पर भीड़ हो गयी है.
सर्दी का मौसम शुरू होने के बाद ये यूरोप से हजारों किलोमीटर की यात्रा करके सिंधुदुर्ग जिले के समुद्री तट में प्रवेश करते हैं। वर्तमान में ये पक्षी मालवन, दांडी, वैरी, देवबाग, भोगवे आदि तटों पर बड़ी संख्या में देखे जाते हैं। ये पक्षी सुनसान समुद्र तटों को पसंद करते हैं। इन पक्षियों का भोजन समुद्र तट पर पाई जाने वाली मछलियाँ, कीड़े-मकौड़े और शंख हैं। ये पक्षी झुंड में उड़ते रहते हैं, किनारा बदलते रहते हैं या पानी में बैठे रहते हैं। किनारे पर इन पक्षियों का व्यवहार एक अद्भुत नजारा पैदा कर रहा है.
जिले के समुद्र तट सीगल से भरे हुए हैं और इन सीगल का प्रवास दो से तीन महीने तक रहेगा। इस समय जहां सिंधुदुर्ग में पर्यटकों का रेला बढ़ गया है, वहीं सिंधुदुर्ग के तट पर सीगल के झुंड उड़ते नजर आ रहे हैं. सीगल का आगमन पक्षी प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए भी एक उत्सव है।
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