भाजपा एकनाथ शिंदे को ही डिप्टी सीएम क्यों बनाना चाहती है? इस फैसले में छिपा है ‘राज’
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महाराष्ट्र सरकार के गठन को लेकर देवेंद्र फड़णवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने गृह मंत्री अमित शाह से लंबी मंत्रणा की. बीजेपी फड़णवीस के पुनर्वास यानी उन्हें ही दोबारा सीएम बनाने पर अड़ी है. इस बीच अचानक से वो राज खुल गया है कि बीजेपी शिंदे को ही डिप्टी क्यों बनाना चाहती है.
महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया. आखिरी दौर की मान मनौव्वल पूरी हो चुकी है. खुद सीएम पद के प्रबल दावेदार निर्वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) सरेंडर मोड में आ कर ये कह चुके हैं कि मुख्यमंत्री पद पर पीएम मोदी और अमित शाह का हर फैसला सर आंखों पर स्वीकार होगा. इस बीच सूत्रों के हवाले से शुक्रवार को खबर आई कि अमित शाह के साथ गुरुवार की बैठक में एकनाथ शिंदे को संकेत दे दिया गया कि सीएम देवेंद्र फणडवीस ही होंगे.
कहां फंसा था पेंच?
एकनाथ शिंदे शुरू में डिप्टी सीएम के लिए तैयार नही थें. लेकिन बाद में उनका रूख नरम हुआ. शिंदे गृह मंत्रालय अपने पास चाहते हैं. आज मुंबई में शाम को महायुति के तीनों नेताओं की बैठक होगी. विधायक दल का नेता चुनने के लिए बीजेपी विधायकों की कल बैठक हो सकती है. बाद में महायुति की एक बैठक दिल्ली में भी होने की पूरी संभावना है.
शिंदे को क्यों डिप्टी सीएम बनाना चाह रही बीजेपी?
महाराष्ट्र की सियासत को समझने वालों के मुताबिक प्रदेश की जनता के सामने एकता और आपस में एकजुटका का संदेश देने के लिए भारतीय जनता पार्टी अपने डिप्टी सीएम के तौर पर शिंदे को ही अपनी सरकार की कोर टीम में शामिल करना चाहती है. हालांकि शिव सेना नेता कह चुके हैं कि वो पीएम नरेंद्र मोदी और शाह की पसंद का पालन करेंगे.
चूंकि बीजेपी ये भी चाहती है कि महाविकास अघाड़ी वाले इस अहम मुद्दे को लेकर कोई नया बखेड़ा न खड़ा कर सकें, इसलिए शिंदे को उन्हीं की सहमति के हवाले से उपमुख्यमंत्री बनाने पर पूरा जोर दिया जा रहा है. इस फैसले का को लेकर एक अन्य सूत्र का मानना है कि शिंदे अगर सगे भाई की तरह रहेंगे तो बीजेपी को अजित पवार की ओर बार बार ताकने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
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