अडानी पर अब सेबी का शिकंजा! गलत जानकारी के आधार पर निवेशकों को गुमराह करने का आरोप, हो सकती है जांच।
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मीडिया आर्टिकल पर स्टॉक एक्सचेंज को गलत जानकारी देने के आरोप में सेबी (SEBI) अडानी ग्रुप की जांच कर सकती है. इस मामले से जुड़े फैक्ट को लेकर जांच अगले दो हफ्ते तक चल सकती है.
गौतम अडानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक दिन पहले गौतम अडानी समेत आठ लोगों पर मामला दर्ज करने की जानकारी सामने आने के बाद अब सेबी (SEBI) सख्त रुख अख्तयार कर रही है. अडानी ग्रुप अमेरिका के बाद अब देश के अंदर घिरता दिखाई दे रहा है. मीडिया आर्टिकल पर स्टॉक एक्सचेंज को गलत जानकारी देने के आरोप में सेबी (SEBI) अडानी ग्रुप की जांच कर सकती है. इस मामले से जुड़े फैक्ट को लेकर जांच अगले दो हफ्ते तक चल सकती है.
रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच के बारे में सही जानकारी नहीं दी
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शेयर बाजार के अधिकारियों से पूछा है कि क्या अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच के बारे में सही जानकारी नहीं दी. यह जानकारी उन लोगों से मिली है जिन्होंने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त रखी है क्योंकि यह जानकारी गोपनीय है. एक शख्स ने कहा कि फैक्ट-खोज की प्रक्रिया दो हफ्ते तक जारी रहने की उम्मीद है. इसके बाद SEBI यह तय कर सकता है कि वह औपचारिक जांच शुरू करना चाहता है या नहीं.
रिश्वतखोरी विरोधी कानून का पालन करने की बात कही थी
जांच का मुख्य केंद्र बिंदु 15 मार्च को ब्लूमबर्ग न्यूज की एक रिपोर्ट है, जिसमें कहा गया था कि अमेरिकी अभियोजक जांच कर रहे थे कि क्या अडानी की कोई कंपनी या उससे जुड़े लोग देश के अधिकारियों को एक सोलर प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्ट फाइनल करने के लिए रिश्वत दे रहे हैं. उस आर्टिकल में अडानी ग्रुप ने कहा था कि उन्हें ‘हमारे चेयरमैन के खिलाफ किसी भी जांच के बारे में जानकारी नहीं है.’ यह भी कहा था कि वे भारत और दूसरी जगहों पर रिश्वतखोरी विरोधी कानून का पूरी तरह पालन करते हैं.
250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने की प्लानिंग का आरोप
19 मार्च को शेयर बाजारों में दाखिल की एक फाइलिंग में अडानी ग्रीन ने कहा कि उसे पता है कि किसी तीसरे पक्ष द्वारा अमेरिकी भ्रष्टाचार-रोधी कानूनों के संभावित उल्लंघन की जांच चल रही है. लेकिन अब बुधवार को अमेरिकी अभियोजकों की तरफ से गौतम अडानी पर देश में सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने की प्लानिंग में मदद करने का आरोप लगाया. साथ ही यह भी आरोप लगाया कि ग्रुप ने अमेरिकी निवेशकों से पैसा इकट्ठा करने के लिए इस प्रोजेक्ट को छुपाया था. हालांकि अडानी ग्रुप के प्रवक्ता की तरफ से इन आरोपों का खंडन किया गया.
अमेरिकी अभियोजकों का कहना है कि मार्च में ब्लूमबर्ग को अडानी का इनकार एक झूठा बयान था. इसका मकसद कथित धोखाधड़ी योजना को आगे बढ़ाना था, क्योंकि अडानी के भतीजे, सागर अडानी को एक साल पहले एक ग्रैंड जूरी समन और तलाशी वारंट मिला था. सागर अडानी ग्रीन एनर्जी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं.
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