Moody’s: वैश्विक विकास की धीमी रफ्तार 2023 में भी जारी रहेगी, 2024 के लिए जताया ये अनुमान |
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Moody’s: रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति में नरमी जारी रहेगी, लेकिन केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दरों में निरंतर गिरावट की गारंटी नहीं है। अमेरिका में मुद्रास्फीति दिसंबर के 6.5 प्रतिशत घटकर जनवरी में 6.4 प्रतिशत हो गई। उससे पहले के महीने में यह 7.1 प्रतिशत रही थी। यह अब भी दो प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर है।
विभिन्न केंद्रीय बैंकों के कड़े मौद्रिक रुख को देखते हुए ऐसा लगता है कि वैश्विक विकास दर में कमजोरी बनी रहेगी। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने ये बातें कही है।
मूडीज ने अपने वैश्विक वृहद परिदृश्य जिसका शीर्षक ‘हाल के सकारात्मक आश्चर्यों के बावजूद वैश्विक आर्थिक जोखिम बरकरार’ है में कहा कि मौद्रिक नीति को कड़ा किए जाने से ज्यादातर प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक गतिविधियों और रोजगार पर असर पड़ेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमारा अनुमान है कि जी-20 वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 2022 के 2.7 प्रतिशत से घटकर 2023 में 2 प्रतिशत रह जाएगी। फिर 2024 में यह सुधरकर 2.4 प्रतिशत हो जाएगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति में नरमी जारी रहेगी, लेकिन केंद्रीय बैंक के लक्ष्यों में निरंतर गिरावट की गारंटी नहीं है। उदाहरण के लिए, अमेरिका में मुद्रास्फीति दिसंबर के 6.5 प्रतिशत घटकर जनवरी में 6.4 प्रतिशत हो गई। उससे पहले के महीने में यह 7.1 प्रतिशत रही थी। हालांकि अब भी यह 2 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर है।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक की नीतिगत दर अब 4.50-4.75 प्रतिशत के लक्ष्य सीमा में है, जो 15 वर्षों में उच्चतम स्तर है और यह विशेष रूप से 2022 के शुरुआती भाग में शून्य के करीब थी। ब्याज दरों को बढ़ाना एक मौद्रिक नीति साधन है जो आम तौर पर अर्थव्यवस्था में मांग को दबाने में मदद करता है, जिससे मुद्रास्फीति दर में गिरावट में मदद मिलती है।
रिपोर्ट में 2023 और 2024 के बेहतर हिस्से के लिए केंद्रीय बैंक के लक्ष्यों से ऊपर रहने वाली उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति की कल्पना की गई है।
मूडीज ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि ज्यादातर जी-20 अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति अगले साल तक गिरती रहेगी और यह केंद्रीय बैंक की कार्रवाई से मांग में नरमी पर निर्भर करता है।’ मूडीज ने कहा कि केंद्रीय बैंक वित्तीय बाजारों की उम्मीद से अधिक समय तक ब्याज दरों को प्रतिबंधित रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘हालांकि यह स्पष्ट है कि मौद्रिक नीति में सख्ती का अंत निकट है, लेकिन ब्याज दरों में कितनी और वृद्धि उचित होगी और दरें कब तक प्रतिबंधात्मक रहेंगी, इस बारे में कुछ कहना कठिन है।
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