पाकिस्तान को बड़ा झटका, IMF की चिंता से खटाई में पड़ सकता है 7 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज।
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एक सूत्र ने कहा कि आईएमएफ मिशन ने दो प्रमुख चिंताओं को लेकर जिक्र किया. पहला, संघीय राजस्व बोर्ड (FBR) का खराब प्रदर्शन और दूसरा 2.5 अरब यूएस डॉलर के अंतर को भरने के लिए लोन को अंतिम रूप देने में देरी.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान में सात अरब अमेरिकी डॉलर के लोन पैकेज को लागू करने के लिए टैक्स कलेक्शन में कमी और विदेशी लोन को अमलीजामा पहनाने में देरी पर चिंता जताई. इसको लेकर आईएमएफ (IMF) ने कहा कि उसने पाकिस्तान के अधिकारियों के साथ फाइनेंशियल पॉलिसी और कमजोरियों को दूर करने के लिए सुधारों पर बातचीत की है. आईएमएफ बोर्ड की तरफ से 7 बिलियन डॉलर के बेलआउट को मंजूरी दिये जाने के छह हफ्ते के अंदर अचानक की गई इस विजिट में 12 नवंबर से 15 नवंबर तक चली ईएफएफ (EFF) की पहली समीक्षा काफी जल्दी थी. पहले यह 2025 की पहली तिमाही में होने वाली थी.
नए कृषि आयकर कानून को लेकर भी चिंता जताई
रिपोर्ट के मुताबिक बताया कि इस दौरान आईएमएफ ने पंजाब के नए कृषि आयकर कानून को लेकर भी चिंता जताई, जो अभी भी संघीय कानून के साथ पूरी तरह जुड़ा नहीं है. एक सूत्र ने कहा कि आईएमएफ मिशन ने दो प्रमुख चिंताओं को लेकर जिक्र किया. पहला, संघीय राजस्व बोर्ड (FBR) का खराब प्रदर्शन और दूसरा 2.5 अरब यूएस डॉलर के अंतर को भरने के लिए लोन को अंतिम रूप देने में देरी. आईएमएफ ने पाकिस्तान से कहा कि वह डेफेरड पेमेंट पर तेल पाने के लिए रियाद से संपर्क करें और बीजिंग से लोन री-स्ट्रक्चरिंग का अनुरोध करे.
किसी बड़ी चूक ने IMF को हस्तक्षेप के लिए प्रेरित किया
आईएमएफ के पाकिस्तान मिशन के प्रमुख नाथन पोर्टर ने कहा कि कमजोरियों को कम करने के लिए आर्थिक नीति और सुधार के प्रयास रचनात्मक चर्चा मजबूत और स्थायी विकास की नींव रखने में मदद करेगी. मिशन ने कमजोरियों का उल्लेख नहीं किया. लेकिन पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के सूत्रों का दावा है कि कुछ बड़ी चूक ने आईएमएफ को हस्तक्षेप करने के लिए प्रेरित किया. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में रेवेन्यू कलेक्शन में करीब 190 अरब रुपये ($685 मिलियन) की कमी थी. इस दौरान 2.5 बिलियन डॉलर का बाहरी वित्त पोषण अंतर भी देखा गया.
आईएमएफ की मदद के भरोसे चल रहा पाकिस्तान
आपको बता दें पाकिस्तान विदेशी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है और यहां पर महंगाई दर काफी हाई लेवल पर है. पाकिस्तान के आंतरिक खर्चे फिलहाल आईएमएफ की मदद के भरोसे चल रहे हैं. वहां पर बढ़ती महंगाई और आर्थिक तंगी से लोग जूझ रहे हैं. हालांकि पिछले दिनों महंगाई दर में गिरावट के बाद सरकार ने ब्याज दर में कमी की है.
दूसरी तरफ पाकिस्तान के लिए राहत वाली खबर यह है कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ रहा है. 8 नवंबर को खत्म हुए हफ्ते में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) की तरफ से जारी साप्ताहिक रिपोर्ट के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार 34 मिलियन डॉलर बढ़कर 15.966 अरब डॉलर के आंकड़े पर पहुंच गया है.
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