नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 8329626839 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें ,

Recent Comments

    test
    test
    OFFLINE LIVE

    Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

    April 22, 2025

    विदर्भ और नागपुर आने से क्यों बचते हैं मोदी? लोकसभा के बाद विधानसभा निवेश में प्रमुखता.

    1 min read
    😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

    मोदी विदर्भ आये और नागपुर हवाईअड्डे से चंद्रपुर गये. लेकिन नागपुर ने बैठक करने से परहेज किया. यह क्यों राजनीतिक गलियारों में इसकी खूब चर्चा है.

    नागपुर: लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए ‘करो या मरो’ वाला मामला था. इसलिए इस पार्टी ने प्रचार में कोई कमी नहीं छोड़ी. 10 सीटों वाली विदर्भ पार्टी के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच निर्वाचन क्षेत्रों में सभाएं कीं. इससे इस पार्टी के लिए इस हिस्से की अहमियत का पता चलता है. लेकिन दो बार नागपुर आने के बावजूद उन्होंने राज्य की उपराजधानी में एक भी बैठक नहीं की. विधानसभा चुनाव में भी यही तस्वीर जारी रही. मोदी विदर्भ आये और नागपुर हवाईअड्डे से चंद्रपुर गये. लेकिन नागपुर ने बैठक करने से परहेज किया. यह क्यों राजनीतिक गलियारों में इसकी खूब चर्चा है.

    अभी दो दिन पहले ही राज्य में निवेश के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आखिरी चुनावी सभा मुंबई के शिवाजी पार्क में हुई थी. इस चुनाव में भी उन्होंने राज्य में जीत हासिल की. उन्होंने पश्चिम विदर्भ के अकोला और पूर्वी विदर्भ के चंद्रपुर जिले के चिमूर निर्वाचन क्षेत्रों में अभियान बैठकें कीं। वह चिमूर के लिए उड़ान भरने के लिए नागपुर हवाई अड्डे पर पहुंचे। वहां उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से मुलाकात की. नागपुर में बिना मिले ही वे अपनी अगली यात्रा पर निकल पड़े. खास यह कि लोकसभा चुनाव में नागपुर में कोई बैठक नहीं होने से यह कयास लगाया जा रहा था कि वे नागपुर में बैठक करेंगे. पर वह नहीं हुआ।

    लोकसभा चुनाव में ‘नागपुर’ से परहेज पार्टी नेताओं से विवाद के कारण हुआ। लेकिन विधानसभा चुनाव में ऐसी कोई तस्वीर नहीं है. नागपुर जिले से कई महत्वपूर्ण नेता चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें मोदी के सबसे भरोसेमंद सहयोगी उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस, (दक्षिण-पश्चिम नागपुर) प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले (कामठी) शामिल हैं। इसके अलावा नागपुर दीक्षा स्थली भी है. लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने संविधान का मुद्दा उठाया है. बीजेपी के पास नागपुर में बैठक कर कांग्रेस के अभियान का जवाब देने का मौका था. लोकसभा चुनाव में बीजेपी को विदर्भ में सिर्फ दो सीटें मिलीं. इसमें पूर्वी विदर्भ में नागपुर का अकमेव क्षेत्र शामिल है। नागपुर जिले में कुल 12 विधानसभा सीटें हैं. 2014 में बीजेपी ने 11 सीटें जीती थीं. बीजेपी की हर सीट जीतने की मौजूदा लड़ाई को देखते हुए यह आश्चर्य की बात है कि मोदी ने नागपुर आकर बैठक नहीं की.

    राहुल, प्रियंका का दौरा
    एक तरफ मोदी ने नागपुर एयरपोर्ट पर न आकर शहर में सभा की तो दूसरी तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संविधान सम्मान सम्मेलन के मौके पर नागपुर से ही पार्टी के प्रचार का नारियल फोड़ा. इस कार्यक्रम में राहुल ने एक बार फिर संविधान का मुद्दा उठाया और चुनाव प्रचार का रुख बदल दिया. इसके बाद वे शनिवार को गोंदिया और चिमूर में बैठक कर रहे हैं. प्रियंका गांधी इस रविवार को नागपुर में रोड शो कर रही हैं. यहां उल्लेखनीय है कि विदर्भ का मुसीबत के समय कांग्रेस का साथ देने का इतिहास रहा है।

    About The Author


    Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

    Advertising Space


    स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

    Donate Now

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You may have missed

    Copyright © All rights reserved for Samachar Wani | The India News by Newsreach.
    8:07 PM