आज मनाई जाएगी नरक चतुर्दशी; अभ्यंग स्नान का शुभ समय वास्तव में कब है?
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दिवाली में लक्ष्मी पूजन, धनत्रयोदशी के साथ नरक चतुर्दशी का भी बहुत महत्व है। इस दिन प्रथम स्नान यानि अभ्यंगस्नान और यमदीपदान किया जाता है।
हिंदू धर्म में सभी त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं। दिवाली भारतीयों का सबसे पसंदीदा और बड़ा त्यौहार माना जाता है। दिवाली में लक्ष्मी पूजन, धनत्रयोदशी के साथ नरक चतुर्दशी का भी बहुत महत्व है। इस दिन पहला स्नान यानी अभ्यंग स्नान किया जाता है। इस साल यह त्योहार 31 अक्टूबर (आज) को मनाया जाएगा.
नरक चतुर्दशी तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार नरक चतुर्दशी तिथि 30 अक्टूबर को सुबह 11:23 बजे शुरू होगी और 31 अक्टूबर को दोपहर 2:53 बजे समाप्त होगी. उदय तिथि के अनुसार 31 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी.
अभ्यंग स्नान: उदय तिथि के अनुसार, दिवाली का पहला स्नान (अभ्यंग स्नान) करने का शुभ समय 31 अक्टूबर को सुबह 5:43 बजे से सुबह 6:52 बजे तक है। साथ ही भारत के कई राज्यों में इस दिन अभ्यंग स्नान करने के बाद बायें पैर के अंगूठे से करैत कुचला जाता है। कैरीटा एक कड़वा फल है जिसे नरकासुर के वध का प्रतीक माना जाता है।
नरक चतुर्दशी की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, नरक चतुर्दशी के दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था। कहा जाता है कि नरक चतुर्दशी के दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था और 16 हजार महिलाओं को उसके चंगुल से मुक्त कराया था। दिवाली का दूसरा दिन नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली होती है। हालांकि इस साल नरक चतुर्दशी तीसरे दिन होगी.
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