खाने के साथ पानी पीना सही है या गलत? सद्गुरु और डॉक्टर की सलाह में अंतर.
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क्या खाने के साथ पीना चाहिए? आपको पानी कब पीना चाहिए? इसको लेकर असमंजस की स्थिति है. ऐसे में सेहत को लेकर कई तरह की भ्रांतियां पैदा हो जाती हैं। सद्गुरु इस बारे में क्या कहते हैं?
भोजन और पानी शरीर की दो महत्वपूर्ण जरूरतें हैं। इनके बिना जीना नामुमकिन है. यदि आप पूरे दिन पानी या भोजन छोड़ते हैं, तो शरीर के लिए चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। लेकिन कई लोगों का मानना है कि भोजन के साथ पानी नहीं लेना चाहिए। इससे पाचन धीमा हो जाता है और पेट खराब हो सकता है। पेट की समस्याओं में एसिडिटी, गैस, अपच, सूजन, सीने में जलन, पेट दर्द, कब्ज आदि शामिल हैं। सद्गुरु जग्गी वासुदेव का भी कुछ ऐसा ही मानना है.
भोजन के साथ तरल पदार्थ लेने के दुष्प्रभाव
पाचन में सुधार सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने कहा कि अगर आप भोजन के साथ कोई भी तरल पदार्थ खा सकते हैं। इससे पेट में एसिड पतला हो जाता है और शरीर पर असर पड़ता है। यह एसिड पाचन के लिए महत्वपूर्ण है। पतला करने से पूरी प्रक्रिया ख़राब हो सकती है। इस वजह से आपको खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना चाहिए।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
एक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर ने कहा कि सद्गुरु जो कह रहे हैं उसका समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। उन्होंने शरीर का विज्ञान बताते हुए अपना विचार प्रस्तुत किया।
पानी पीने से पाचन प्रभावित होता है डॉक्टरों का कहना है कि खाना खाने के बाद भोजन ग्रासनली से होकर पेट तक पहुंचता है। यहां पेट के अम्लीय रस भोजन को पचाते हैं। इस प्रक्रिया से पेट में पानी की मात्रा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि अगर पेट में पानी है भी तो वह मात्र 20 मिनट में अवशोषित हो जाता है। अम्ल रस को पतला करने पर भी इसकी मात्रा इतनी कम होती है कि पाचन पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता। पाचन कैसे काम करता है हमारे पेट का पाचन तंत्र ऐसा है कि यह हमारे द्वारा खाए गए किसी भी प्रकार के भोजन को पचा सकता है। अगर आप सामान्य अम्लीय खाद्य पदार्थ खाएंगे तो इसका ज्यादा असर नहीं होगा। यदि भोजन से अम्ल उत्पन्न होता है, तो पेट में कम अम्लीय रस उत्पन्न होता है। यह शरीर की एक बहुत ही प्राकृतिक प्रक्रिया है।
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