पाकिस्तान में 11 साल बाद चीनी पीएम पहुंचे, जयशंकर के जाने से पहले क्या हुई डील?
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चीनी नागरिकों पर बढ़ते हमलों के बीच 11 साल बाद वहां के पीएम ली कियांग पाकिस्तान पहुंच गए हैं और दोनों पक्षों के बीच कई समझौते हुए हैं. इस बीच भारत के विदेश मंत्री नौ साल बाद पाकिस्तान जा रहे हैं.
पाकिस्तान में आयोजित होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग पहुंच गए हैं. यह 11 वर्षों में किसी चीनी प्रधानमंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा है और यह ऐसे समय हुई है जब पाकिस्तान में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी नागरिकों पर हाल में हमलों में वृद्धि हुई है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ आपसी और क्षेत्रीय हितों के मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान दोनों पक्षों ने कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए और बीजिंग द्वारा वित्तपोषित ग्वादर हवाई अड्डे का ऑनलाइन माध्यम से उद्घाटन किया. सरकारी ‘रेडियो पाकिस्तान’ की खबर के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने आपसी विश्वास और साझा सिद्धांतों पर आधारित पाकिस्तान-चीन रणनीतिक सहकारी साझेदारी पर संतोष व्यक्त किया.
खबर में कहा गया कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयाम तथा पारस्परिक, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. दोनों नेताओं ने सभी प्रमुख मुद्दों पर एक-दूसरे के प्रति अपना समर्थन दोहराया और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) चरण दो के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की.
दोनों नेताओं ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि 60 अरब अमेरिकी डॉलर के सीपीईसी के अंतर्गत सहयोग एक नए चरण में प्रवेश कर गया है. प्रधानमंत्री शरीफ ने ली को भरोसा दिलाया कि पाकिस्तान चीनी निवासियों और देश में परियोजनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है. दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग के सभी क्षेत्रों को मजबूत करने सहित उच्च स्तरीय संपर्क जारी रखने पर सहमति जताई.
बैठक में पाकिस्तान में चीनी उद्योग के स्थानांतरण पर चर्चा की गई तथा पाकिस्तान में चीनी निवेश बढ़ाने की रणनीति पर भी चर्चा की गई. दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित समारोह के दौरान संयुक्त रूप से नए ग्वादर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की पट्टिका का अनावरण किया.
9 साल बाद भारतीय विदेश मंत्री का पाकिस्तान दौरा
इस बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को पाकिस्तान पहुंचने वाले हैं. पिछले कई वर्षों से दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों में जारी तनाव के बीच भारत की ओर से पाकिस्तान की यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा होगी.
अधिकारियों ने बताया कि इस्लामाबाद पहुंचने के तुरंत बाद विदेश मंत्री जयशंकर एससीओ सदस्य देशों के स्वागत के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मेजबानी में आयोजित स्वागत भोज में शामिल होंगे. दोनों पक्षों ने एससीओ शासनाध्यक्षों के शिखर सम्मेलन से इतर जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के बीच किसी भी द्विपक्षीय वार्ता से इनकार किया है.
करीब नौ साल बाद यह पहला मौका है जब भारत के विदेश मंत्री पाकिस्तान की यात्रा करेंगे, जबकि कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद को लेकर दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों में अब भी बर्फ जमी हुई है. ऐसी सूचना है कि जयशंकर पाकिस्तान में 24 घंटे से भी कम समय रुकेंगे. पाकिस्तान एससीओ शासनाध्यक्ष परिषद (सीएचजी) की बैठक की मेजबानी कर रहा है जो 15 और 16 अक्टूबर को होगी.
पाकिस्तान की यात्रा करने वाली भारत की आखिरी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं. उन्होंने अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दिसंबर 2015 में इस्लामाबाद की यात्रा की थी. पाकिस्तान ने एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता दिया था. जयशंकर की पाकिस्तान की यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इसे भारत की ओर से एक अहम निर्णय के रूप में देखा जा रहा है.
एक कार्यक्रम में अपने हालिया संबोधन में जयशंकर ने कहा था, ‘‘किसी भी पड़ोसी देश की तरह भारत निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध चाहेगा. लेकिन यह सीमापार आतंकवाद को नजरअंदाज करके और ऐसी (सीमा पार आतंकवाद खत्म करने की) इच्छा करने से नहीं हो सकता.’’ इस सम्मेलन के लिए वरिष्ठ मंत्री को भेजने का फैसला एससीओ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
भारत यह कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी जैसा रिश्ता चाहता है जबकि उसने इस बात भी जोर दिया कि इस तरह की बातचीत के लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त माहौल बनाने की जिम्मेदारी पड़ोसी देश पर है. पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने गोवा में एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मई 2023 में भारत की यात्रा की थी. करीब 12 साल बाद किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की भारत की यह पहली यात्रा थी.
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