5 दिन में डूबे 16 लाख करोड़; इजरायल और चीन के एक फैसले से शेयर बाजार में क्यों मचा हाहाकार?
1 min read
|
|








ईरान-इजरायल युद्ध और चीन के प्रोत्साहन पैकेज के दोहरे झटके ने भारतीय शेयर बाजार पर मंदी का हमला बोल दिया है. इस सप्ताह यानी केवल पांच कारोबारी सत्रों में निवेशकों की जेब से 16 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी है.
ईरान-इजरायल में जारी संघर्ष और चीन सरकार द्वारा आर्थिक प्रोत्साहन की घोषणा के बाद से भारतीय शेयर बाजार सहमा हुआ है. शुक्रवार को भी सेंसेक्स 808.65 अंक लुढ़क कर 81,688.45 और निफ्टी 200.25 अंक की गिरावट के साथ 25,049.85 अंक पर बंद हुआ है.
सेंसेक्स पिछले पांच दिनों में 4100 अंक नीचे गिर चुका है. विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने शीर्ष मूल्यांकन के बारे में चिंताओं के बीच 32,000 करोड़ रुपये निकाले हैं.
ईरान-इजरायल युद्ध और चीन के प्रोत्साहन पैकेज के दोहरे झटके ने भारतीय शेयर बाजार पर मंदी का हमला बोल दिया है. इस सप्ताह यानी केवल पांच कारोबारी सत्रों में निवेशकों की जेब से 16 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी है.
5 दिन में 16 लाख करोड़ की लगी चपत
गुरुवार को 1769 अंक की गिरावट के बाद आज यानी शुक्रवार को सेंसेक्स 809 अंक पर बंद हुआ. 27 सितंबर के बाद से पिछले 5 कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 4148 अंक गिर गया है. शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 15.9 लाख करोड़ रुपये गिरकर 461.26 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
संस्थागत निवेशकों ने पहले ही चेतावनी दे दी थी कि तेजी से बढ़ते बाजार में उच्चतम मूल्यांकन होगा. चीन सरकार के प्रोत्साहन उपायों के बाद FII धन का आउटफ्लो भारत की बजाय चीन की ओर तेज हो गाया.
भारतीय शेयर मार्केट का चीन और इजरायल कनेक्शन
पिछले शुक्रवार को लेबनान की राजधानी बेरूत के दक्षिणी शहरों में इजरायली हवाई हमले के जवाब में ईरान ने मंगलवार को इजरायल की ओर लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय मार्केट में तेल की कीमतों में तेजी देखी गई. इसके बाद ही निवेशक सतर्क हो गए.
इसके अलावा चीन सरकार द्वारा डेवलपमेंट को प्रोत्साहित करने के लिए कई स्कीमों की घोषणा के बाद मनी मैनेजर ने चीन में निवेश का उपयुक्त समय बता रहे हैं. हालांकि, सभी इन्वेस्टर चीन में निवेश करने के इच्छुक नहीं हैं क्योंकि चीन के मार्केट ने पिछले 2-3 सालों में कई स्टार्ट-स्टॉप का सिस्टम देखा है.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लोरिडा स्थित जीक्यूजी पार्टनर्स के राजीव जैन का कहना है कि 2022 के अंत में भी एक बार चीन का मार्केट खुला था लेकिन खरीदारी का सिलसिला कुछ महीनों के भीतर ही खत्म हो गया था. चीन में यह मूलतः एक व्यापार है और यह एक अच्छा बिजनेस है. लेकिन क्या आप वास्तव में तीन साल या पांच साल के लिए निवेश कर सकते हैं.
About The Author
|
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space












Recent Comments