करोड़ों सैलरीड क्लास को मोदी सरकार देगी गिफ्ट! ऐसे मिलेगा पूरे 28 लाख का फायदा।
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पीएफ से जुड़े नया नियम लागू होने के बाद इसका फायदा करोड़ों सैलरीड क्लास को मिलेगा. इसका असर कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले फंड के साथ पेंशन पर भी पड़ेगा.
अगर आप सैलरीड क्लास हैं तो यह खबर आपको खुश कर देगी. जी हां, सरकार एम्पलाई प्राविडेंट फंड आर्गेनाइजेशन (EPFO) और कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जमा किये जाने वाले पैसे को बढ़ाने पर विचार कर रही है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस में लेबर मिनिस्टर मनसुख मंडाविया के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट में इसको लेकर दावा किया गया है. अभी जो पैसा कर्मचारियों की सैलरी से हर महीने EPFO और EPS में जमा किया जाता है, इसके बाद उस लिमिट को बढ़ाए जाने की उम्मीद है. अभी कर्मचारी भविष्य निधि के तहत 15000 रुपये की लिमिट है.
ईपीएफओ और ईपीएस में ज्यादा पैसा जमा होगा
इससे पहले यह लिमिट 6500 रुपये थी, जिसे साल 2014 में आखिरी बार बढ़ाकर 15000 किया गया था. तब से लेकर अब तक इसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं हुआ है. अब सरकार इस लिमिट को बढ़ाकर 21000 रुपये करने पर विचार कर रही है. इसका सीधा सा मतलब हुआ कि कर्मचारी पहले से ज्यादा पैसा ईपीएफओ और ईपीएस में जमा कर सकेंगे. नया नियम लागू होने के बाद इसका फायदा करोड़ों सैलरीड क्लॉस को मिलेगा. इसका असर कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन पर भी पड़ेगा.
अभी कैसे काम करता है EPFO का नियम?
अभी यदि किसी कर्मचारी की मंथली सैलरी 15,000 रुपये या है तो कर्मचारी और नियोक्ता की तरफ से 12-12% पैसा EPF में जमा करना होता है. लेकिन एम्पलायर का पैसा दो हिस्सों में बांटा जाता है. इसमें से 8.33% हिस्सा EPS (कर्मचारी पेंशन योजना) में जाता है और बाकी 3.67% हिस्सा EPF में जमा होता है. ऐसे में 15,000 रुपये की सैलरी वाले कर्मचारी को हर महीने 12% यानी 1800 रुपये EPF अकाउंट में जमा करना होगा. इसके अलावा आपकी कंपनी भी सैलरी का 12% यानी 1800 रुपये जमा करेगी. लेकिन यह पैसा ईपीएफ और ईपीएस दो हिस्सों में बंट जाएगा. ईपीएस में इसमें से 1250 रुपये जाता है बाकी का 550 रुपये ईपीएफ में जाता है.
क्या हो जाएगी नई ईपीएफओ लिमिट?
सरकार यदि EPF में जमा होने वाले लिमिट को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करती है तो कैलकुशन में भी बदलाव होगा. 21000 रुपये की सैलरी पर कर्मचारी का हर महीने 12 प्रतिशत के हिसाब से 2,520 रुपये पीएफ कटेगा. इसके अलावा कंपनी की तरफ से दिये जाने इतने ही कॉन्ट्रिब्यूशन में से 771 रुपये EPF अकाउंट में और बाकी के 1,749 रुपये EPS खाते में जमा होंगे.
वेज सीलिंग बढ़ने से क्या फायदा होगा?
अगर कोई कर्मचारी 23 साल की उम्र में EPF में पैसा जमा करना शुरू करता है और ऐसा 35 साल तक करता रहता है तो बेसिक सैलरी 15,000 रुपये पर उसे रिटायरमेंट के समय कुल 71.55 लाख रुपये मिलेंगे. इसमें से 60.84 लाख रुपये केवल ब्याज होगा. जबकि उसकी तरफ से जमा की गई राशि 10.71 लाख रुपये है. यह कैलकुलेशन 8.25% के सालाना ब्याज के आधार पर है. लेकिन यदि सरकार EPF में जमा होने वाले पैसे की लिमिट को 15,000 से बढ़ाकर 21,000 रुपये किया जाता है तो उस कर्मचारी को कुल मिलाकर एक करोड़ रुपये मिलेंगे. इसमें से 15 लाख रुपये कर्मचारी की तरफ से जमा किया हुआ होगा और बाकी का 85 लाख रुपये ब्याज का होगा. यानी संबंधित कर्मचारी को 28.45 लाख रुपये पहले से ज्यादा मिलेंगे.
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