क्या है पीएम आशा स्कीम, जिसे मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी, 35000 करोड़ रुपये का खर्च।
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मोदी सरकार ने एक बार फिर से किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने आज कैबिनेट बैठक में किसानों के लिए बड़े राहत का ऐलान किया. मोदी कैबिनेट में किसानों के लिए पीएम आशा स्कीम को जारी रखने और उसका दायरा बढ़ाने की मंजूरी मिल गई.
मोदी सरकार ने एक बार फिर से किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने आज कैबिनेट बैठक में किसानों के लिए बड़े राहत का ऐलान किया. मोदी कैबिनेट में किसानों के लिए पीएम आशा स्कीम को जारी रखने और उसका दायरा बढ़ाने की मंजूरी मिल गई. कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कैबिनेट से 35000 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली पीएम आशा ( अन्नदाता आय संरक्षण अभियान) को मंजूरी दे दी है.
क्या है पीएम आशा स्कीम
सरकार ने पीएम आशा स्कीम को जारी रखने का फैसला किया है. सरकार ने यह मंजूरी किसानों को बेहतर मूल्य उपलब्ध कराने और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अस्थिरता पर काबू पाने के उद्देश्य से दी है. बता दें कि इस स्कीम के तहत फसलों के भाव एमएसपी के नीचे जाने पर सरकार खरीदारी करती है. इस स्कीम के तहत दालों, तिलहन के फसलों की कीमत एमएसपी के नीचे जाने पर सरकार उसकी खरीदारी करती है.
किसानों को होगा फायदा, 35000 करोड़ का खर्च
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किसानों को लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराने और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना को जारी रखने की मंजूरी दी गई. बयान के अनुसार, 15वें वित्त आयोग के दौरान 2025-26 तक कुल वित्तीय व्यय 35,000 करोड़ रुपये होगा. सरकार ने किसानों और उपभोक्ताओं को अधिक कुशलता से सेवा प्रदान करने के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) योजनाओं को पीएम-आशा में एकीकृत किया है.
सरकार ने कहा, पीएम-आशा की एकीकृत योजना कार्यान्वयन में और अधिक प्रभावशीलता लाएगी. इससे न सिर्फ किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य प्रदान करने में मदद मिलेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करके कीमतों में उतार-चढ़ाव पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा. पीएम-आशा में अब पीएसएस, पीएसएफ, मूल्य नुकसान भुगतान योजना (पीओपीएस) और बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के घटक शामिल होंगे.
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