नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 8329626839 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें ,

Recent Comments

    test
    test
    OFFLINE LIVE

    Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

    April 24, 2025

    मेडिकल साइंस का चमत्कार! डॉक्टरों ने एक महिला के शरीर में विकसित कर दिया गर्भाशय।

    1 min read
    😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

    मेडिकल जगत में एक दुर्लभ सफलता हाथ लगी है. ऑस्ट्रेलियन डॉक्टरों ने एक 21 वर्षीय महिला के शरीर में गर्भाशय विकसित करने में सफलता पाई है.

    ऑस्ट्रेलिया में एक 16 वर्षीय लड़की परेशान हाल में डॉक्टरों के पास पहुंची. वह प्राइमरी स्कूलिंग खत्म करने वाली थी. उसकी कई सहेलियां पहली बार मासिक धर्म से गुजरीं और यौवनावस्था में प्रवेश करने लगीं. लेकिन इस लड़की को ऐसा कोई अनुभव नहीं हुआ. जब डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड किया तो पाया कि लड़की के शरीर में गर्भाशय था ही नहीं, न ही सर्विक्स थी. उसकी वैजाइनल कैनाल भी छोटी हो गई थी.

    डॉक्टरों ने पाया कि वह एक तरह के सिंड्रोम की शिकार है जिसमें वैजाइना और यूट्रस पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते या गायब रहते हैं. अगले पांच साल तक दवाओं का कोर्स चला. हार्मोन की दवाओं के बाद, 21 साल की उम्र में महिला के शरीर में गर्भाशय विकसित हो गया. मेडिकल जगत में इसे एक उपलब्धि की तरह देखा जा रहा है.

    शुरुआती जांच में क्या सामने आया?
    जब साथ की लड़कियों को पीरियड्स आने लगे और उसे नहीं तो ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली एशले राइली बड़ी परेशान हुईं. उसने एक ऑस्ट्रेलियाई न्यूज वेबसाइट से बातचीत में कहा, ‘मेरे लिए, ऐसा कभी नहीं हुआ. मैंने इसके बारे में बात नहीं की, क्योंकि मुझे यकीन नहीं था कि यह सामान्य था या मैं देर से विकसित होने वाली लड़की थी.’ 16 साल की उम्र में एशले डॉक्टर्स के पास पहुंची. डॉक्टर ने लड़की का अल्ट्रासाउंड किया और पाया कि उसमें गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा नहीं है तथा उसकी योनि नली भी छोटी हो गई है.

    डॉक्टर्स ने पाया कि एशले को MRKH सिंड्रोम है. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें योनि और गर्भाशय अविकसित या अनुपस्थित रहते हैं, जबकि बाहरी जननांग सामान्य दिखाई देते हैं. अगले पांच साल तक, एशले को तमाम स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स से कंसल्ट करना पड़ा, कई ब्लड टेस्ट, MRIs और स्कैन हुए. उसे एस्ट्रोजन हार्मोन की दवा दी गई. फिर एक इंटरनल अल्ट्रासाउंड में गर्भाशय विकसित होता नजर आया.

    एक स्पेशलिस्ट ने एशले को बताया कि गर्भाशय का विकास ‘दुर्लभ’ था. उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोग एस्ट्रोजन की दवा लेने से गर्भाशय को ‘बढ़ाने’ में असफल रहते हैं. एशले को बताया गया कि यदि गर्भाशय बढ़ता रहा तो संभावना है कि वह बाद में गर्भवती हो सके. डॉक्टरों के अनुसार, यदि उसकी दवा में थोड़ा बदलाव कर दिया जाए तो उसे पीरियड्स भी आने लगेंगे.
    दूसरी बीमारी का हुई शिकार

    हालांकि, हार्मोन के चलते एशले को स्कोलियोसिस हो गया था. उसकी हड्डियों का घनत्व और आकार 14 साल की बच्ची जैसा हो गया था. फिर उसे हाइपोगोनैडोट्रोपिक हाइपोगोनाडिज्म का पता चला, जिसे हाइपो हाइपो भी कहा जाता है, जिसमें पिट्यूटरी ग्रंथि में समस्या के कारण अंडाशय में बहुत कम या बिल्कुल भी सेक्स हॉरमोन नहीं बनते हैं.

    About The Author


    Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

    Advertising Space


    स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

    Donate Now

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Copyright © All rights reserved for Samachar Wani | The India News by Newsreach.
    12:10 PM