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    April 24, 2025

    जिसे पीएम मोदी दुलार रहे, वो ढाई फीट की गाय कहां मिलती है? एक समय केवल 100 बची थी.

    1 min read
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    देखने में छोटी और प्यारी दिखने वाली गाय (Punganur Cow) के गुण बड़े हैं. कम लोगों को पता होगा कि पीएम मोदी के आवास पर जो छोटी गाय है, वो देसी नस्ल की है. इसका आंध्र प्रदेश से कनेक्शन है.

    प्रधानमंत्री आवास से आई छोटी गाय की वो चर्चित तस्वीर आपने भी देखी होगी. पीएम नरेंद्र मोदी बछिया को दुलारते, चूमते और हाथ में लेकर घूमते दिखाई दिए. पीएम ने ट्वीट में बताया कि 7, लोक कल्याण मार्ग पर एक नए सदस्य का आगमन हुआ है. उन्होंने बछिया का नाम दीपज्योति रखा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह छोटी गाय इतनी खास क्यों है और अगर आप इसे पालना चाहें तो कहां से खरीद सकते हैं?

    छोटी गाय के बारे में जानिए
    यह देसी नस्ल की पुंगनूर गाय है. दावा किया जाता है कि इसकी कीमत 1 लाख से लेकर कई लाख रुपये तक हो सकती है. ये अपने छोटे कद के कारण सबकी चहेती बन जाती है. लोग अपने घर के अंदर किचन में भी इस गाय को आसानी से घुमाते हैं या खुला छोड़कर रखते हैं. पीएम आवास पर भी यही गाय है. इस साल मकर संक्रांति पर भी पीएम ने एक तस्वीर शेयर की थी जिसमें वह गाय को चारा खिलाते दिखे थे.

    पीएम आवास वाली गाय कहां मिलती है?
    हां, यह ऐसा सवाल है जो सोशल मीडिया और गूगल पर काफी सर्च किया जा रहा है. अब आप जान लीजिए कि Punganur नस्ल की यह स्पेशल गाय आंध्र प्रदेश में पाई जाती है. आंध्र के चित्तूर जिले में Punganur जगह है और उसी के नाम पर इस गाय को पुंगनूर नाम मिला. इस गाय को अपार्टमेंट के अंदर भी बड़े आराम से पाला जा सकता है.

    दुनिया की सबसे छोटी कूबड़ वाली मवेशियों की नस्ल में से यह एक है. यह गाय अधिकतम 2.5 फीट की होती है. पूरी तरह स्वस्थ होने पर इसका वजन 200 किग्रा तक हो सकता है.

    प्रधानमंत्री के पास पुंगनूर नस्ल की बछिया देख आंध्र प्रदेश के लोग गर्वान्वित महसूस कर रहे हैं. न्यूज-18 की रिपोर्ट के मुताबिक आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने कहा कि गाय को पीएम ऑफिस ने चुना था लेकिन हम सभी आंध्र प्रदेश के गौरव को पीएम आवास पर देखकर सच में उत्साहित और खुश हैं.

    एक समय यह छोटी सी प्यारी सी गाय विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई थी. हां, किसानों ने ज्यादा दूध उत्पादन को प्राथमिकता दी और देशभर में इनकी संख्या घटकर मात्र 100 रह गई थी. इनका दूध मात्रा में बड़ी गायों के बराबर न होने से किसान इन्हें बोझ समझने लगे थे और बेचना या कहिए छोड़ना शुरू कर दिया. हालांकि अब इस छोटी गाय को पालने वाले तेजी से बढ़े हैं.

    आंध्र प्रदेश सरकार ने मिशन पुंगनूर भी शुरू किया जिससे इस विशेष नस्ल की गाय के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सके. इसका मकसद इन गायों का संरक्षण करना था.

    वैसे, आज भी पुंगनूर गाय एक दुर्लभ नस्ल है, जिस पर काफी ध्यान दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी अपने आधिकारिक आवास पर कई पुंगनूर गायों को पालते हैं. बताया जाता है कि प्रधानमंत्री को उन्हें खिलाना और उनके साथ समय बिताना पसंद है.

    देवताओं को भी चढ़ाते हैं ‘गोल्डन मिल्क’
    इस गाय के दूध में काफी पोषक तत्व पाए जाते हैं. दूसरी गायों की तुलना में इस गाय का दूध चार गुना ज्यादा विशेष होता है. एक्सपर्ट इसके दूध को ‘गोल्डन मिल्क’ बताते हैं. इसका दूध पूरे आंध्र प्रदेश में देवताओं को चढ़ाया जाता है. तिरुपति मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर का अभिषेक भी इस गोल्डन मिल्क से किया जाता है, जिसकी कीमत 1 रुपये से 10 लाख भी हो सकती है. Punganur गाय का दूध A2 milk होता है. इसके दूध में कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम समेत दूसरी गायों से कहीं ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं.

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