दो बार की कोशिश के बाद भी अडानी हारे ‘क्रिकेट की बाजी’, इस कंपनी ने पीछे से कर दिया बड़ा खेल.
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टोरेंट ग्रुप ने गुजरात टाइटंस में मैच्योरिटी हिस्सेदारी खरीदने के लिए प्राइवेट इक्विटी फर्म सीवीसी कैपिटल पार्टनर्स के साथ करार कर लिया है. इस डील के बाद फरवरी से गुजरात टाइटंस का मैजोरिटी स्टेक टोरेंट ग्रुप के हाथों में आ जाएगा.
देश और दुनिया में कारोबार फैलाने वाला अडानी ग्रुप लाख कोशिश के बावजूद एक डील से चूक गया है. एशिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी की पिछले कुछ साल से आईपीएल फ्रेंचाइजी गुजरात टाइटंस पर नजर थी. उनकी तरफ से इसको लगातार खरीदने की कोशिश की जा रही थी. लेकिन अब यह डील अहमदाबाद के टोरेंट ग्रुप के नाम होने की जानकारी आ रही है. इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित खबर के अनुसार टोरेंट ग्रुप ने गुजरात टाइटंस में मैच्योरिटी हिस्सेदारी खरीदने के लिए प्राइवेट इक्विटी फर्म सीवीसी कैपिटल पार्टनर्स के साथ करार किया है.
अगले साल खत्म होगा लॉक-इन पीरियड
फरवरी 2025 में लॉक-इन पीरियड खत्म होने के बाद गुजरात टाइटंस पर टोरेंट ग्रुप का मालिकाना हक हो जाएगा. अहमदाबाद के टोरेंट ग्रुप ने यूरोपियन प्राइवेट इक्विटी फर्म सीवीसी कैपिटल पार्टनर्स के साथ समझौता किया है. इसके तहत आईपीएल फ्रेंचाइजी गुजरात टाइटंस में बहुलांश हिस्सेदारी हासिल करेगी. इस हिस्सेदारी पर उनका हक उस समय होगा, जब फरवरी 2025 का लॉक-इन पीरियड पूरा हो जाएगा. डील से जुड़ी जानकारी आने के बाद अडानी ग्रुप ने खुद को आईपीएल टीम खरीदने की होड़ से खुद को अलग कर लिया है.
टीम की वैल्यू 16.4 अरब डॉलर आंकी थी
जून में अमेरिकी इनवेस्टमेंट बैंक Houlihan Lokey ने आईपीएल टीम की वैल्यू 16.4 अरब डॉलर आंकी थी. आपको बता दें गौतम अडानी के लीडरशिप वाला अडानी ग्रुप भी गुजरात टाइटंस को खरीदने की दौड़ में शुरू से ही शामिल था. सूत्रों ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि टोरेंट और सीवीसी के बीच गुजरात टाइटंस के लिए करार कुछ अहम लोगों की मौजूदगी में हुआ है, क्योंकि औपचारिक सौदा लॉक-इन पीरियड खत्म होने के बाद ही हो सकता है.
हाई प्राइस टैग के कारण पीछे हटा अडानी ग्रुप?
दूसरे सूत्र ने यह भी उम्मीद जताई कि अडानी ग्रुप गुजरात टाइटंस के हाई प्राइस टैग से इस कारण पीछे हट सकता है क्योंकि ग्रुप अपने कोर बिजनेस पोर्ट और पावर बिजनेस पर फोकस कर रहा है. आपको बता दें अडानी ग्रुप और टोरेंट ग्रुप दोनों ने 2021 में आईपीएल की अहमदाबाद फ्रेंचाइजी हासिल करने के लिए बोली लगाई थी. लेकिन उस समय किसी को भी इसमें कामयाबी नहीं मिली थी. उस समय अडानी ग्रुप ने 5,100 करोड़ रुपये और टोरेंट ग्रुप ने 4,653 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी.
कंट्रोलिंग स्टेक बेचने की आई थी खबर
इससे पहले जुलाई 2024 में खबर आई थी कि अडानी ग्रुप आईपीएल में एंट्री की तैयारी कर रहा है. गुजरात टाइटंस का मालिकाना हक रखने वाली प्राइवेट इक्विटी फर्म सीवीसी कैपिटल पार्टनर्स (CVC Capital Partners) गुजरात टाइटंस आईपीएल टीम (Gujarat Titans IPL Team) में कंट्रोलिंग स्टेक बेचने की तैयारी कर रही है. इसको लेकर सीवीसी की बातचीत अडानी ग्रुप और टोरेंट ग्रुप दोनों से चल रही थी. उस समय बताया गया था कि सीवीसी पूरी होल्डिंग तो नहीं लेकिन कंट्रोलिंग स्टेक बेचने के लिए तैयार है.
कंट्रोलिंग स्टेक की बिक्री के बाद बाकी के शेयर सीवीसी अपने पास रखना चाहती है. दरअसल, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने नई आईपीएल टीमों को फरवरी 2025 तक अपनी हिस्सेदारी बेचने से रोका हुआ है. साल 2021 में सीवीसी कैपिटल पार्टनर्स की तरफ से गुजरात टाइटंस को 5,625 करोड़ रुपये (745 मिलियन डॉलर) में खरीदा गया था. 2021 में अहमदाबाद की IPL टीम को खरीदने का मौका चूकने के बाद अडानी और टोरंट ग्रुप गुजरात टाइटंस में बड़ा हिस्सा खरीदने की कोशिश में लगा हुआ है.
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