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    April 24, 2025

    पहले मोदी, फिर जयशंकर और अब डोभाल… खत्म होने वाला है रूस-यूक्रेन युद्ध? ‘सबसे बड़े संघर्ष’ के खात्मे की टाइमलाइन देखिए।

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    रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने के लिए दुनिया के तमाम देश नरेंद्र मोदी की ओर हसरत से देख रहे हैं. इसलिए मोदी के टॉप अफसर लगातार रूस में हैं. माना जा रहा है कि भारत का पीस प्लान सफल हुआ तो यूक्रेन तो खुश होगा ही, वहीं रूस के सर्वशक्तिमान होने का मान भी रह जाएगा और वो अपनी फौज बुला लेंगे.

    किसी देश पर कब्जे की नीयत हो या वहां मिलिट्री बेस बनाने की मंशा से इससे इतर हाल फिलहाल में दुनिया के सबसे बड़े संघर्ष की बात करें तो रूस-यूक्रेन युद्ध (russia ukraine war) क्षेत्र से अच्छी खबर आने का इंतजार पूरी दुनिया कर रही है. भारत यूक्रेन युद्ध (Ukrain war) रोकने में अहम भूमिका निभा रहा है. तकनीकि रूप से यह भले ही ये दुनिया का सबसे लंबा युद्ध न हो क्योंकि पहले हो चुके विश्व युद्ध इससे कहीं ज्यादा लंबे खिंचे थे. सर्वशक्तिमान होने का दंभ बनाए रखने के लिए हो या ‘शांति’ के लिए ‘युद्ध’ यानी हर संघर्ष की विनाशलीला की भेंट जनता ही चढ़ती है. खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंक्सी से लेकर इटली की पीएम मेलोनी और अन्य यूरोपीय देश कह चुके हैं कि मोदी की दोस्ती और भारत की कूटनीति से ये युद्ध रुक सकता है.

    जंग खत्म हुई तो कुछ ऐसी होगी रूस-यूक्रेन युद्र के समाप्ति की टाइमलाइन
    यूक्रेन के वार जोन को सीजफायर नहीं स्थाई रूप से पीस जोन बनाने की टाइम लाइन से आप चीजों को समझ सकते हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध को रुकवाने के लिए दुनिया के तमाम देश भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं. ऐसे में 2024 के उत्तरार्ध में पहले पीएम मोदी रूस जाते हैं, फिर भारतीय विदेश मंत्री अलग-अलग मंचों पर मास्को के अफसरों से बात करते हैं, उनके भी ताबड़तोड़ दौरे होते हैं. अब भारत का सुपरकॉप मास्को में है. हम बात कर रहे है एनएसए अजित डोभाल की जो इस समय मास्को में हैं.

    इस बीच विदेश मंत्री जयशंकर ने एक बार फिर कहा है कि रूस और यूक्रेन को युद्ध के मैदान से बाहर बातचीत करके अपने विवाद और संघर्ष को दूर करना होगा. मास्को अगर ठोस हल निकालना चाहता है तो भारत हमेशा की तरह उन्हें सलाह देने और पूरा सहयोग करने को तैयार है.

    भारत का पीस प्लान
    जयशकर की ये टिप्पणी ऐसे समय आई है जब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एनएसए की एक महत्वपूर्ण बैठक के लिए मास्को में हैं. सूत्रों ने कहा है कि डोभाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित एक शांति योजना लेकर चल रहे हैं, जिसे वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ साझा करेंगे. रूस और यूक्रेन दोनों भारत का ‘शांति प्रस्ताव’ (russia ukraine peace deal) स्वीकार करते हैं या नहीं, यह अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन ये तय है कि भारत ने संघर्ष को समाप्त करने में मदद की पेशकश की है.

    इससे पहले अपनी यूक्रेन यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से कहा कि भारत शांति बहाल करने के हर प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए हमेशा तैयार है. ऐसे में वो युद्ध खत्म कराने के लिए अपनी भूमिका निभाने को तैयार हैं.

    पीएम मोदी शायद उन बहुत कम नेताओं में से एक हैं जिनके श्री पुतिन और श्री ज़ेलेंस्की दोनों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध हैं और दोनों देशों की उनकी हालिया यात्राओं के दौरान दोनों नेताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

    जयशंकर का ताजा बयान जर्मनी से आया है जहां विदेश मंत्री बर्लिन में जर्मन विदेश कार्यालय की सालाना एंबैसडर समिट को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान जयशंकर ने सऊदी अरब की राजधानी रियाद में भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के विदेश मंत्रियों के साथ चर्चा से इतर अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ भी अहम बातचीत की थी. इस बैठक से चीन और पाकिस्तान दोनों के पेट में दर्द उठा होगा, खैर उससे इतर बात भारत के पीस प्लान की तो जयशंकर की सर्गेई लावरोग से ओपन मीटिंग इशारों-इशारों में बहुत कुछ संकेत दे रही है.

    कहां से तेज हुई भारत के पीस प्लान की चर्चा
    जयशंकर ने कहा, ‘हमें नहीं लगता कि रूस-यूक्रेन संघर्ष का नतीजा युद्ध के मैदान से निकलेगा. किसी स्तर पर, कुछ बातचीत होने वाली है. जब कोई बातचीत होती है, तो मुख्य पक्षों – रूस और यूक्रेन को भी उस चर्चा में शामिल होना होगा.’

    उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की रूस और यूक्रेन की यात्रा का हवाला दिया और बताया कि कैसे भारतीय नेता ने एक बार रूसी राष्ट्रपति से कहा था कि ये ‘युद्ध का युग’ नहीं है.

    जयशंकर ने कहा, ‘ अगर आप (रूस और यूक्रेन) सलाह चाहते हैं, तो हम हमेशा सलाह देने को तैयार हैं.’ गौरतलब है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को कहा था कि भारत उन तीन देशों में शामिल है जिनसे वह यूक्रेन संघर्ष को लेकर लगातार संपर्क में हैं और कहा कि वे इसे सुलझाने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं.

    रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने के लिए दुनिया के तमाम देश नरेंद्र मोदी की ओर हसरत से देख रहे हैं. इसलिए मोदी के टॉप अफसर लगातार रूस में हैं. माना जा रहा है कि भारत का पीस प्लान सफल हुआ तो यूक्रेन तो खुश होगा ही, वहीं रूस के सर्वशक्तिमान होने का मान भी रह जाएगा और वो अपनी फौज के साथ टैंक और जंगी जेट्स वापस अपने बेड़े में बुला लेंगे.

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