खत्म होगी चीन की बादशाहत, अब इस काम के लिए भारत को मिला अमेरिका का साथ, चिप का पावरहाउस बनेगा देश.
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भारत और अमेरिका के बीच एक अहम समझौता हुआ है. दोनों देशों के बीच सेमीकंडक्टर को लेकर अहम साझेदारी हुई है. ग्लोबल इकोनॉमी में भारत की अहमियत को अब अमेरिका ने पहचाना है. भारत की बढ़ती साख को देखते हुए अमेरिका ने भारत का साथ देने की सहमति जताई है.
भारत और अमेरिका के बीच एक अहम समझौता हुआ है. दोनों देशों के बीच सेमीकंडक्टर को लेकर अहम साझेदारी हुई है. ग्लोबल इकोनॉमी में भारत की अहमियत को अब अमेरिका ने पहचाना है. भारत की बढ़ती साख को देखते हुए अमेरिका ने भारत का साथ देने की सहमति जताई है. अमेरिकी के सहयोग से भारत को सेमीकंडक्टर के ग्लोबल सप्लाई चेन बनने में मदद मिलेगी. सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में फिलहाल चीन का दबदबा है. लेकिन भारत और अमेरिका के साथ आने से उसकी बादशाहत पर खतरा मंडराने लगा है.
भारत अमेरिका में साझेदारी
दरअसल अमेरिका के विदेश विभाग ने ग्लोबल सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को डायवर्सिफाई बनाने के लिए भारत के साथ सहयोग और साझेदारी को आगे बढ़ाने की बात कही है. अमेरिका के इस कदम से भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को बल मिलने वाला है. इससे सेमीकंडक्टर की ग्लोबल सप्लाई चेन की चीन पर निभर्रता कम होगी.
चीन की बादशाहत होगी खत्म
भारत और अमेरिका के बीच पार्टनरशिप की शुरुआत से चीन की मुश्किल बढ़नी तय है. इस साझेदारी में भारत के मौजूदा सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम और रेग्युलेटरी ढांचे का विश्लेषण किया जाएगा. भारत के सेमीकंडक्टर वर्कफोर्स और इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरतों को समझने में अमेरिका मदद करेगा और इसे मजबूत बनाने में मदद करेगा. सेमीकंडक्टर की ओर भारत के बढ़ते कदम ने चीन की चिंता बढ़ा दी है.
अमेरिकी भारत सेमीकंडक्टर
अमेरिका ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत के साथ साझेदारी की घोषणा की है. अमेरिकी विदेश विभाग ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सुरक्षा एवं नवाचार (आईटीएसआई) कोष के तहत वैश्विक सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र में विविधता लाने के लिए भारत के साथ साझेदारी की घोषणा की. साझेदारी की शुरुआत में भारत के मौजूदा सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र और नियामकीय ढांचे के साथ ही कार्यबल और बुनियादी ढांचे की जरूरतों का व्यापक आकलन किया जाएगा. विदेश विभाग ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के तहत भारत के सेमीकंडक्टर मिशन के साथ साझेदारी दोनों देशों के लिए लाभदायक है. यह भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग की विस्तार क्षमता को भी रेखांकित करती है. इसके तहत अमेरिकी विदेश विभाग भारत के सेमीकंडक्टर मिशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के साथ साझेदारी करेगा.
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