Sharad Pawar ने CM फेस के लिए दिया ऐसा फॉर्मूला, उद्धव-BJP सब होंगे ‘खुश’!
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कुछ समय पहले उद्धव ठाकरे ने दिल्ली की यात्रा की थी और सोनिया गांधी एवं शरद पवार से मुलाकात की थी. ये चर्चा चली कि शिवसेना (यूबीटी) की तरफ से उद्धव ठाकरे को फिर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने के लिए महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में दबाव डाला जा रहा है.
कुछ समय पहले उद्धव ठाकरे ने दिल्ली की यात्रा की थी और सोनिया गांधी एवं शरद पवार से मुलाकात की थी. ये चर्चा चली कि शिवसेना (यूबीटी) की तरफ से उद्धव ठाकरे को फिर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने के लिए महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में दबाव डाला जा रहा है. उस यात्रा का क्या नतीजा निकला ये किसी को पता नहीं चला. हालांकि बीजेपी ने उस यात्रा का मखौल उड़ाते हुए कहा था कि उद्धव मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करने गए थे लेकिन उनको कोई आश्वासन नहीं मिला.
अब इस मसले पर पहली बार शरद पवार ने अपना रुख स्पष्ट किया है. उन्होंने पिछले दिनों स्पष्ट करते हुए कहा कि कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एमवीए को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की कोई जरूरत नहीं है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष पवार ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री कौन होगा, इस संबंध में फैसला चुनाव परिणामों के बाद किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार इस आधार पर तय किया जायेगा कि गठबंधन में कौन सी पार्टी सबसे अधिक सीट जीतती है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि एमवीए सीट बंटवारे की प्रक्रिया पूरी करे और जल्द से जल्द चुनाव प्रचार शुरू करे. पवार ने कहा, ‘‘एमवीए नेताओं को सात से नौ सितंबर के बीच बातचीत शुरू करनी चाहिए.’’ उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चुनाव प्रक्रिया नवंबर के दूसरे सप्ताह तक पूरी हो जाएगी.
इस बयान के ये निहितार्थ निकाले जा रहे हैं कि भले ही उद्धव दिल्ली में इंडिया गठबंधन के दिग्गज नेताओं से मिलकर गए लेकिन शरद पवार और कांग्रेस दोनों ही उनको चुनाव में मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में प्रस्तुत करने पर फिलहाल सहमत नहीं हैं. हालांकि ये उम्मीद जताई जा रही है कि उद्धव ठाकरे की पार्टी सबसे ज्यादा विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है और महायुति के सत्ता में आने पर उनकी आगे की राह आसान हो सकती है.
महायुति का ‘पेंच’
महाराष्ट्र की सियासत में ये भी कहा जा रहा है कि शरद पवार के बयान से सत्तारूढ़ महायुति को भी इस फॉर्मूले को अपनाने में मदद मिल सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस-अजीत पवार की महायुति में भी चुनावों में ये पेंच फंसना यह है कि उनकी तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा? हालांकि महायुति में अभी तक इस तरह की कोई बात नहीं उठी है लेकिन शरद पवार के फॉर्मूले को यदि महायुति ने अपनाया तो सबसे ज्यादा फायदा देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली बीजेपी को होगा. महायुति में सबसे ज्यादा विधायक बीजेपी के ही हैं और उसके सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद भी है.
गौरतलब है कि 2019 का चुनाव बीजेपी और शिवसेना ने देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में ही लड़ा था और तब एमवीए से लगभग दोगुनी सीटें जीती थीं. लिहाजा महाराष्ट्र में बीजेपी कार्यकर्ता ये मानकर चल रहे हैं कि यदि इस फॉर्मूले पर यदि महायुति लड़ती है तो सत्ता में आने की स्थिति में बीजेपी को सबसे ज्यादा फायदा हो सकता है और इस सूरतेहाल में देवेंद्र फडणवीस बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री पद के लिए स्वाभाविक दावेदार माने जा रहे हैं क्योंकि पिछले एक दशक से महाराष्ट्र में बीजेपी की सियासत के वही चेहरा रहे हैं.
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