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    May 8, 2025

    सुहास ने जीता गोल्ड मेडल! फाइनल मुकाबले में रजत पदक से संतोष करना पड़ा.

    1 min read
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    पेरिस पैरालिंपिक के पांचवें दिन भारत ने बैडमिंटन में चौथा पदक हासिल किया। वहीं, इस टूर्नामेंट में यह भारत का कुल 12वां पदक है।

    सुहास यतिराज ने पेरिस पैरालिंपिक 2024 में रजत पदक जीता है। पुरुष एकल एसएल4 वर्ग के फाइनल में, वह फ्रांस के लुकास माज़ूर से 21-9, 21-13 से हार गए और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। इसलिए उन्हें स्वर्ण पदक मुकाबले में निराशाजनक हार का सामना करना पड़ा। यह टूर्नामेंट में भारत का कुल 12वां और बैडमिंटन में कुल चौथा पदक है। सुहास को इस स्पर्धा में पहली वरीयता दी गई थी, लेकिन स्वर्ण पदक मैच में उन्हें निराशाजनक हार का सामना करना पड़ा।

    सुहास ने दोहराया इतिहास-
    सुहास को पहले गेम से ही संघर्ष करना पड़ा और एक समय वह 10-2 से पीछे चल रहे थे। इसके बाद आख़िरकार वह 21-9 से हार गए. दूसरे गेम में भी यही हाल था. उन्होंने मैच के अंतिम क्षणों में वापसी का प्रयास किया, लेकिन अंततः 21-13 से हार गए। पिछली बार भी सुहास ने टोक्यो पैरालंपिक में पुरुष एकल एसएल4 स्पर्धा में रजत पदक जीता था। संयोगवश, टोक्यो पैरालंपिक फाइनल में उन्हें हराने वाला खिलाड़ी फ्रांस का लुकास मजूर था। सुहास पिछली बार 21-15, 17-21, 15-21 से हारे थे.

    भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी का दमदार प्रदर्शन-
    इससे पहले भारत के 3 अन्य खिलाड़ी बैडमिंटन में पदक जीत चुके हैं। नीतीश कुमार ने स्वर्ण, तुलसीमती मुरुगेसन ने रजत और मनीषा रामदास ने कांस्य पदक जीता। टोक्यो पैरालिंपिक में भारत ने बैडमिंटन में केवल एक पदक जीता, लेकिन पेरिस पैरालिंपिक में बैडमिंटन खिलाड़ियों ने कुल 4 पदक जीते। फिलहाल भारत को 2 और बैडमिंटन खिलाड़ियों से मेडल की उम्मीद है. अब तक के पांच दिनों के प्रदर्शन को देखकर ऐसा लग रहा है कि भारतीय खिलाड़ी इस बार सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ने उतरे हैं.

    बैडमिंटन का सफर कैसे शुरू हुआ?
    जो खेल वे शौक के तौर पर खेलते थे, वह धीरे-धीरे उनकी जरूरत बन गया। सुहास ऑफिस की थकान दूर करने के लिए बैडमिंटन खेलते थे, लेकिन जब उन्होंने कुछ टूर्नामेंट्स में मेडल जीतने शुरू किए तो उन्होंने प्रोफेशनल तौर पर खेलना शुरू कर दिया। उन्होंने 2016 में अंतरराष्ट्रीय मैच खेलना शुरू किया। चीन में खेले गए बैडमिंटन टूर्नामेंट में सुहास अपना पहला मैच हार गए, लेकिन इस हार के साथ ही उन्हें जीत का फॉर्मूला भी मिल गया और यह सफर उसके बाद भी जारी है।

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