W,W,W.. 3 ओवर, 2 पारी और हैट्रिक, 36 साल पहले हुआ ये चमत्कार कोई दोहरा नहीं सका.
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इंटरनेशनल क्रिकेट में एक ऐसा भी गेंदबाज रहा, जिसने 3 ओवर, 2 पारियों में अपनी हैट्रिक पूरी की. 1988 में यह करिशमा देखने को मिला था, जिसके बाद इसे अब तक कोई दोहरा नहीं सका.
क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे कारनामे हुए हैं, जिन्होंने फैंस को दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर किया. इनमें से एक है मर्व ह्यूज की हैट्रिक. हैट्रिक से किसी के भी जहन में आता है कि गेंदबाज ने लगातार तीन गेंदों में विकेट झटके, जिससे उसकी हैट्रिक पूरी हुई. लेकिन 36 साल पहले ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज गेंदबाज मर्व ह्यूज ने एक अनोखे ही अंदाज में हैट्रिक पूरी की. क्रिकेट में कभी इस तरह से हैट्रिक पूरी नहीं हुई है और शायद कभी हो भी न. आइए जानते हैं इस मर्व ह्यूज की हैट्रिक की दिलचस्प कहानी.
क्या है हैट्रिक?
हैट्रिक का मतलब है लगातार तीन गेंदों पर तीन विकेट लेना. यह अपने आप में एक बड़ा कारनामा है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया दिग्गज मर्व ह्यूज ने इसे और भी खास बना दिया. उन्होंने एक ही मैच में दो अलग-अलग पारियों में लगातार तीन ओवरों में हैट्रिक ली. यह एक ऐसा कारनामा है जो क्रिकेट के इतिहास में कभी दोहराया नहीं गया और शायद ही कभी ऐसा फिर देखने को मिले.
मर्व ह्यूज की अनोखी हैट्रिक
दरअसल, 1988 में हुए ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज टेस्ट मैच में मर्व ह्यूज ने तीन अलग-अलग ओवर में विकेट चटकाए. इतना ही नहीं, उन्होंने हैट्रिक पूरी दूसरी पारी में की. हुआ यूं कि पहली पारी के 122वें ओवर की आखिरी गेंद ह्यूज ने विकेट चटकाया. इसके बाद अपना अगला ओवर लेकर आए ह्यूज ने पहली ही गेंद पर विकेट झटका, जिससे वेस्टइंडीज की टीम पहली पारी में ऑलआउट हो गई. उनका हैट्रिक विकेट वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में आया, जब पारी का पहला ही ओवर लेकर आया ह्यूज ने पहली ही गेंद पर विकेट लिया.
मर्व ह्यूज के हैट्रिक विकेट
पहला विकेट : वेस्टइंडीज की पहली पारी के 122वें की आखिरी गेंद पर विकेट
दूसरा विकेट : वेस्टइंडीज की पहली पारी के 124वें ओवर की पहली गेंद पर विकेट, वेस्टइंडीज की पारी समाप्त
तीसरा विकेट : वेस्टइंडीज की दूसरी पारी के पहले ओवर की पहली गेंद पर विकेट
ऐसा रहा करियर
अपनी अनोखी हैट्रिक के लिए मशहूर ह्यूज ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 33 वनडे मैच खेले, जिसमें 44/4 के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ कुल 38 विकेट चटकाए. टेस्ट मैचों में उन्होंने कमाल की गेंदबाजी करते हुए कई दिग्गजों को अपना शिकार बनाया. उन्होंने 53 मैचों की 97 पारियों में 212 विकेट चटकाए, जिसमें उनका पारी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 8/87 रहा, जबकि मैच का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 13/217 रहा. इस दिग्गज ने 1985 में टेस्ट फॉर्मेट से डेब्यू किया था और 1994 में इसी फॉर्मेट में ही वह आखिरी बार मैदान पर नजर आए.
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