यदि ऐसा है तो! ठीक तीन साल बाद अंतरिक्ष में लॉन्च होगा चंद्रयान 4; इसरो की घोषणा.
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पूरे मिशन की जानकारी देते हुए चंद्रयान इस मिशन में क्या-क्या जिम्मेदारियां निभाएगा, यह देखना अहम होगा। इस बीच देखिए चंद्रयान 3 ने क्या किया…
अंतरिक्ष और अंतरिक्ष से जुड़ी कई अवधारणाओं को इसरो ने बहुत ही आसान और सरल तरीके से भारतीयों तक पहुंचाया और पूरे देश की दिलचस्पी इसरो के इस मिशन में बढ़ गई। चंद्रयान 3 की सफलता इस जिज्ञासा में एक मील का पत्थर थी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो आने वाले वर्षों में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण मिशन शुरू करने जा रहा है और अंतरिक्ष के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने की कोशिश करेगा। इसरो प्रमुख एस. इस बात की जानकारी खुद सोमनाथ ने दी है.
चंद्रयान 3 मिशन की सफलता के बाद अब इसरो ठीक तीन साल बाद यानी 2027 में चंद्रयान 4 मिशन शुरू करेगा।
इस अभियान के लिए अभी तक सरकार की आधिकारिक अनुमति नहीं मिली है, इसलिए आधिकारिक अनुमति मिलने के बाद इस अभियान के काम में तेजी आएगी. हालांकि, इसरो के वैज्ञानिक सचिव शांतनु भटवाडेकर ने मीडिया को जानकारी दी कि इस मिशन के लिए शुरुआती तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.
इसरो का चंद्रयान 4 मिशन चंद्रमा की चट्टानों के नमूने वापस लाने और उनकी जांच करने का प्रयास करेगा। जहां एक ओर इसरो आगामी मिशनों को लेकर महत्वाकांक्षी है, वहीं दूसरी ओर इसरो नासा के साथ साझेदारी में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए भी तैयार है। इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले सालों में देशवासियों की उम्मीदें इसरो से काफी ज्यादा होंगी.
चंद्रयान 4 मिशन इतना खास क्यों है?
चंद्रयान 4 से चंद्रमा से मिट्टी और चट्टानों के नमूने लाने की उम्मीद है, जिसके लिए इस यान की सॉफ्ट लैंडिंग भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। इससे भी अधिक महत्वपूर्ण होगा स्पेस डॉकिंग। यानी इसरो कई चरणों में चंद्रयान 4 को अंतरिक्ष में भेजेगा, जिसके बाद इसे अंतरिक्ष में ही डॉक किया जाएगा। क्युँकि इसरो ने पहली बार इस मिशन को अंजाम दिया है, इसलिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या भारतीय वैज्ञानिक इस उपलब्धि को हासिल करने में सफल होते हैं।
सोमनाथ द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इसरो अगले 5 साल में करीब 70 सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजेगा। इसमें सबसे निचली कक्षा में स्थापित होने वाले उपग्रह भी शामिल होंगे, जिनमें से 4 उपग्रह NAVIC क्षेत्रीय नेविगेशन प्रणाली के लिए होंगे।
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