रतन टाटा, मुकेश अंबानी या कोई और…भारत में कौन बिजनेसमैन देता है सबसे ज्यादा टैक्स?
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टैक्स एक ऐसा सिस्टम है जिसकी मदद से सरकार पैसा जुटाती है. यही पैसा सरकार बजट के माध्यम से कई मदों में खर्च करती है. कई बार आपके मन में यह सवाल आया होगा कि देश में सबसे ज्यादा टैक्स कौन भरता है?
Highest Income Tax Payers
यह जानना जरूरी है कि किसी भी बिजनेसमैन के पास निजी संपत्ति नहीं होती है. उनकी संपत्ति कंपनियों के नाम पर होती है. ऐसे में कमाई भी उनकी कंपनियों के हिस्से में जाती है. साथ ही सभी प्रकार के टैक्स भी कंपनियों के द्वारा ही चुकाया जाता है.भारत और एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी फॉर्च्यून कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक हैं. 19.68 लाख करोड़ रुपये की मार्केट कैप के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत का सबसे बड़ा ग्रुप है. वित्तीय वर्ष 2023 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सबसे ज्यादा 20,713 करोड़ से ज्यादा सरकार को टैक्स दिया है. यानी मुकेश अंबानी भारत में सबसे ज्यादा टैक्स भरते हैं.
दूसरे और तीसरे स्थान पर क्रमशः SBI और HDFC बैंक है. पिछले वित्तीय वर्ष में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कुल 17,649 करोड़ रुपये इनकम टैक्स के तौर पर जमा किया है. वहीं, HDFC बैंक ने कुल 15,350 करोड़ रुपये इनकम टैक्स दिया है. SBI एक सरकारी संस्था है. वहीं, अतनु चक्रवर्ती वर्तमान में एचडीएफसी बैंक के पार्ट टाइम चेयरमैन और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर हैं.
टाटा कंसल्टिंग सर्विसेज – टाटा ग्रुप की आईटी कंपनी TCS ने वित्तीय वर्ष 2023 में भारत सरकार को 14,604 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाया है. TCS वर्तमान में दूसरी सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी है. वर्तमान में टाटा ग्रुप के अध्यक्ष रतन टाटा हैं.]]
ICICI बैंक – भारत की चौथी सबसे बड़ी कंपनी ICICI बैंक ने वित्तीय वर्ष 2023 में भारत सरकार को 11793 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में भुगतान किया है. वर्तमान में संदीप बख्शी इसके सीईओ हैं. साल 2018 में चंदा कोचर की जगह इन्हें ICICI का नया चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर बनाया गया था.
IT क्षेत्र की एक और कंपनी इन्फोसिस ने पिछले साल कुल 9214 करोड़ रुपये टैक्स के तौर पर भुगतान किया है. इन्फोसिस दुनिया के 56 से ज्यादा देशों में अपनी सेवाएं प्रदान करती है. एन.आर. नारायणमूर्ति इसके फाउंडर हैं.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी भारत के टॉप 10 टैक्सपेयर्स में शामिल नहीं हैं. दरअसल, भारत में कॉर्पोरेट टैक्स बाजार पूंजीकरण पर नहीं बल्कि मुनाफे पर लगाया जाता है. अडानी ग्रुप का बाजार पूंजीकरण तो है लेकिन मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज या अन्य कंपनियों की तरह मुनाफा नहीं कमाता है.
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