यूक्रेन-रूस जंग के बीच ‘दोस्त’ से भर-भर कर तेल और कोयला खरीद रहा भारत, लेकिन चीन सबसे आगे.
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भारत कच्चे तेल की अपनी जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है. भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी आयात करता है. कच्चे तेल की खरीद मामले में भारत तीसरा सबसे बड़ा देश है. भारत ने रूस से सबसे ज्यादा तेल खरीदा है.
भारत कच्चे तेल की अपनी जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है. भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी आयात करता है. कच्चे तेल की खरीद मामले में भारत तीसरा सबसे बड़ा देश है. भारत ने रूस से सबसे ज्यादा तेल खरीदा है. भारत ने जुलाई में रूस से 2.8 अरब डॉलर मूल्य का कच्चा तेल आयात किया नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता और आयातक भारत ने जुलाई में रूस से 2.8 अरब डॉलर का कच्चा तेल खरीदा है.
रूस से तेल आयात के मामले में भारत चीन के बाद दूसरे स्थान पर है. एक रिपोर्ट के अनुसार, रूस भारत के लिए कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बनकर उभरा है. इस तेल को रिफाइनरियों में पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में परिवर्तित किया जाता है. फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद कुछ यूरोपीय देशों द्वारा रूस से खरीद से परहेज करने के बाद रूसी तेल छूट पर उपलब्ध था.
युद्ध का असर
रूस से कच्चे तेल का आयात यूक्रेन युद्ध से पहले कुल आयातित तेल का एक प्रतिशत से भी कम था. यह अब भारत की कुल तेल खरीद का लगभग 40 प्रतिशत हो गया है. सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) ने एक रिपोर्ट में कहा कि चीन ने रूस के कच्चे तेल निर्यात का 47 प्रतिशत खरीदा, उसके बाद भारत (37 प्रतिशत), यूरोपीय संघ (सात प्रतिशत) और तुर्किये (छह प्रतिशत) रहा.
सिर्फ तेल ही नहीं, बल्कि चीन और भारत ने रूस से कोयला भी खरीदा. रिपोर्ट के अनुसार, पांच दिसंबर, 2022 से जुलाई, 2024 के अंत तक चीन ने रूस के कुल कोयला निर्यात का 45 प्रतिशत खरीदा, उसके बाद भारत (18 प्रतिशत) का स्थान रहा। तुर्किये (10 प्रतिशत), दक्षिण कोरिया (10 प्रतिशत) और ताइवान (पांच प्रतिशत) शीर्ष पांच खरीदार हैं.
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