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    April 22, 2025

    Currency: डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं में भारी गिरावट, रुपये पर कम असर, ब्याज दरें और महंगाई बढ़ने से दबाव |

    1 min read
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    बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, निवेशक अब उम्मीद कर रहे हैं कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक दरों में दो बार और बढ़ोतरी कर सकता है। स्थिर तेल की कीमतों के साथ ही दिलचस्प बात यह है कि इस साल जनवरी में भारत का व्यापार घाटा 12 महीने के निचले स्तर पर आ गया, क्योंकि निर्यात की तुलना में आयात में तेजी से गिरावट आई है।
    ब्याज दरों में तेज बढ़ोतरी की आशंका के बीच अमेरिकी डॉलर में फिर से तेजी लौट आई है। फरवरी में दुनियाभर की मुद्राएं डॉलर के मुकाबले जमकर गिरी हैं। हालांकि, इस गिरावट में भारतीय रुपया तीसरे स्थान पर रहा है। इसमें 1.1 फीसदी की गिरावट आई है। 20 देशों में से केवल मैक्सिको की मुद्रा ही बढ़त में रही हैं।

     

    आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका का डॉलर इंडेक्स 1.8 फीसदी मजबूत हुआ है जबकि मैक्सिको की मुद्रा 1.4 फीसदी मजबूत हुई है। तुर्किश मुद्रा 0.2 फीसदी, कनाडा की मुद्रा 0.7 फीसदी और ताइवान की मुद्रा में 0.9 फीसदी की कमी आई है। इसी तरह, डॉलर के मुकाबले फिलीपीन की मुद्रा 1.1 फीसदी, इंडोनेशिया की मुद्रा 1.4 फीसदी, चीन का युआन 1.5 फीसदी, यूरो 1.6 फीसदी और सिंगापुर डॉलर 1.6 फीसदी गिरा है।

    बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, निवेशक अब उम्मीद कर रहे हैं कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक दरों में दो बार और बढ़ोतरी कर सकता है। स्थिर तेल की कीमतों के साथ ही दिलचस्प बात यह है कि इस साल जनवरी में भारत का व्यापार घाटा 12 महीने के निचले स्तर पर आ गया, क्योंकि निर्यात की तुलना में आयात में तेजी से गिरावट आई है। विदेशी संस्थागत निवेशक इस साल भी बाजार से पैसे निकाल रहे हैं।

    83 तक गिर सकती है घरेलू मुद्रा
    रिपोर्ट में कहा गया है कि निकट समय में डॉलर की तुलना में रुपया 82-83 के बीच रह सकता है। शुक्रवार को रुपया 82.82 पर बंद हुआ। फेडरल रिजर्व के अधिकारियों का कहना है कि अभी भी महंगाई के खिलाफ लड़ाई पूरी तरह जीती नहीं गई है। ऐसे में आगे ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका बनी हुई है।

    आगे भी बढ़ेंगी ब्याज दरें
    अमेरिका में हाल के खुदरा महंगाई के आंकड़े बताते हैं कि कीमतों में मासिक आधार पर वृद्धि हुई है। फेडरल रिजर्व के अलावा अन्य देशों के केंद्रीय बैंक भी चालू कैलेंडर साल में दरें बढ़ाने का सिलसिला जारी रख सकते हैं।

    डॉलर छह माह के उच्च स्तर पर पहुंचा
    डॉलर शुक्रवार को बढ़कर छह माह के उच्च स्तर पर रहा। इसका इंडेक्स बढ़कर 104.24 पर पहुंच गया। यह जनवरी की शुरुआत के बाद का सर्वोच्च स्तर है।
    अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मजबूत आंकड़ों और फेडरल रिजर्व बैंक के बयानों से कारोबारियों ने डॉलर को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई।
    अमेरिका में बेरोजगारी के नए दावों में कमी आई है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक मार्च में ब्याज दर को 0.25 फीसदी बढ़ाकर 4.75 फीसदी कर सकता है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि मार्च, मई और जून में फेडरल रिजर्व 0.75 फीसदी तक ब्याज दरें बढ़ा सकता है।

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