बिहार के सभी मठ और मंदिरों का क्यों होगा रजिस्ट्रेशन? नीतीश सरकार के आदेश पर भड़क उठा राजद।
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बिहार सरकार की तरफ से एक नया आदेश जारी किया है. जिसमें बिहार के सभी मठ और मंदिरों के रजिस्ट्रेशन का आदेश जारी किया गया. बिहार सरकार के इस आदेश पर आरजेडी ने बीजेपी और जेडीयू दोनों पर निशाना साधा है.
इधर संसद में वक्फ बोर्ड बिल में संशोधन को लेकर हंगामा बरपा है. उधर दूसरी ओर दिल्ली से करीब 1000 किलोमीटर दूर पटना में ऐसे ही एक बिल पर बवाल मच गया है. कानून बनाने को लेकर सियासी संग्राम मचा है. राजद (RJD) हमलावर है, लेकिन नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अगुवाई वाली जेडीयू (JDU) और बीजेपी (BJP) की सरकार पूरी ताकत से अपने फैसले पर अड़ी है. इस बिल को लेकर एक दिलचस्प बात ये भी है कि करीब 6 महीने पहले तक जो JDU, बीजेपी को सांप्रदायिक बताती थी, मंदिर और मस्जिदों को लेकर लिए गए फैसलों पर सवाल उठाती थी. उसी नीतीश कुमार की सुप्रीम अगुवाई वाली जेडीयू अब केंद्र और बिहार दोनों में बीजेपी के साथ कंधे से कंधे मिलाकर चल रही है.
संसद में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर जेडीयू ने केंद्र सरकार का समर्थन किया है. वहीं पटना में बीजेपी कोटा के मंत्री नितिन नबीन ने मुख्यमंत्री को अपने भरोसे में लेकर मंदिरों और मठों को लेकर नया फरमान जारी कर दिया है. बिहार के सभी मंदिरों और मठों के रजिस्ट्रेशन का आदेश दिया गया है. इसके साथ ही सभी मंदिरों और मठों’ की संपत्ति का ब्यौरा तुरंत बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड को भेजने के लिए कहा गया है. जो बिहार सरकार के विधि विभाग के अंतर्गत आता है.
38 जिलाधिकारियों तक पहुंचा आदेश
बिहार सरकार में मंत्री ने इस काम की जिम्मेदारी सभी 38 जिलों के जिलाधिकारी को सौंपी है. बिहार हिंदू धार्मिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 के मुताबिक बिहार में सभी सार्वजनिक मंदिरों/मठों, ट्रस्ट और धर्मशालाओं को BSBRT के तहत रजिस्टर्ड होना चाहिए. ताकि सरकार इनकी संपत्तियों की अवैध तरीके से की जाने वाली बिक्री और खरीद पर रोक लगा सके.
नीतीश सरकार के इस फैसले पर बिहार की सियासत से कौन सा नया रंग निकलेगा इसके लिए अभी थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा.
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