13 की उम्र में पिता की मौत, 2 नंबर से UPSC में रह गया, लंदन का ऑफर छोड़ा, अब हैं IAS.
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CSR के लिए इंटरव्यू लेने वाले एक अजनबी ने उनकी क्षमता को पहचाना और उन्हें यूपीएससी परीक्षा एक बार फिर देने के लिए मोटिवेट किया.
झारखंड की रहने वाली प्रेरणा सिंह ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में ऑल इंडिया रैंक 271 लाकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की. यह उपलब्धि पिछली तीन परीक्षाओं में असफल होने के बाद मिली. उनकी कहानी दृढ़ता की ताकत और असफलताओं को सफलता की सीढ़ी में बदलने की क्षमता का एक उदाहरण है.
प्रेरणा का जीवन तब एक दुखद मोड़ पर आ गया जब उनके पिता का निधन हो गया, जब वह सिर्फ 13 साल की थीं, जिससे उनकी मां परिवार की कमाने वाली सदस्य बन गईं. उनके पिता के स्थान पर उनकी मां को झारखंड सरकार के पशु चिकित्सा विभाग में क्लर्क की नौकरी मिल गई. उनकी मां अपनी बेटी की एजुकेशन के प्रति प्रतिबद्ध रहीं.
प्रेरणा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की क्योंकि उन्हें हमेशा सामाजिक कार्य करने का जुनून था, और इसी कारण से उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया में समाजशास्त्र में मास्टर्स की पढ़ाई की. उन्होंने एक एचआर के रूप में नौकरी भी शुरू की लेकिन जल्द ही महसूस किया कि यह उनके लिए ठीक नहीं है, और उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू करने के लिए नौकरी छोड़ दी.
प्रेरणा के शुरुआती अटेंप्ट निराशा से भरे रहे, पहले अटेंप्ट में 2 नंबरों से प्रीलिम्स में असफल, दूसरे में 15 नंबरों से असफल और तीसरे अटेंप्ट में महज 1 नंबर से सीएसएटी में असफल. असफलता ने उन्हें परिभाषित करने के बजाय, उन्होंने आत्म-निरीक्षण और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने की जर्नी को चुना. बाद में उन्होंने एक स्टडी प्लान बनाया जिसमें डिटेल पढ़ाई, टारगेट प्रक्टिस और पर्सनल डेवलपमेंट पर फोकस करना शामिल था.
इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान, एक अहम क्षण तब आया जब प्रेरणा ने कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) में एक पद के लिए इंटरव्यू दिया. इंटरव्यू लेने वाले एक अजनबी ने उनकी क्षमता को पहचाना और उन्हें यूपीएससी परीक्षा एक बार फिर देने के लिए मोटिवेट किया. इस अप्रत्याशित समर्थन ने उनके दृढ़ संकल्प को फिर से जगा दिया. जब प्रेरणा ने अपनी मां के साथ यह सलाह शेयर की, तो उन्हें एक बार फिर अपने सपने को पूरा करने के लिए अटूट प्रोत्साहन मिला.
प्ररेणा ने 2023 में अपने चौथे अटेंप्ट के लिए खुद को समर्पित कर दिया. तैयारी के दौरान, उन्हें लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पब्लिक पॉलिसी की पढ़ाई करने का ऑफर मिला. हालांकि, उन्होंने विदेश में अवसर के बजाय अपनी यूपीएससी की तैयारी को प्राथमिकता दी.
2024 में जब यूपीएससी के नतीजे घोषित हुए तो प्रेरणा की मेहनत रंग लाई और उन्होंने मेरिट लिस्ट में अपना नाम पाया. वह अपनी सफलता का क्रेडिट अपनी मां को देती हैं और इस रास्ते में किए गए बलिदानों को स्वीकार करती हैं.
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