बांग्लादेश का बवाल भारतीय कारोबारियों के लिए बना ‘वरदान’! बिजनेस बढ़ने की खुशी में मना रहे ‘दिवाली’.
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बांग्लादेश में आए संकट को भारतीय टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारी अपने लिए बड़े अवसर के रूप में देख रहे हैं. उनको उम्मीद है कि बांग्लादेश की टेक्साइटल इंडस्ट्री प्रभावित होने से विदेशों से आने वाले उनके ऑर्डर बढ़ जाएंगे.
पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में संकट है और प्रधानंमत्री शेख हसीना को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी. हिंसा भड़कने से 300 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सोमवार शाम हुए तख्तापलट में 10 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. वहां की अर्थव्यवस्था चरमराने से इसका नुकसान भारत को होने की बात कही जा रही है. दोनों देशों के व्यापारिक संबंध भी इससे प्रभावित हो रहे हैं. लेकिन इस सबके बीच भारतीय टेक्सटाइल इंडस्ट्री इस संकट को ‘आपदा में अवसर’ के रूप में देख रही है. टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारियों ने राहत की सांस ली है. वे बांग्लादेश की अंदरूनी हालात बिगड़ने पर भले ही परेशान हो लेकिन अपनी कारोबारी गतिविधियां बढ़ने को लेकर पॉजिटिव दिखाई दे रहे हैं.
400 मिलियन डॉलर का एक्सट्रा बिजनेस मिलेगा
बांग्लादेश का सबसे ज्यादा निर्यात वहां की टेक्सटाइल इंडस्ट्री से आता है. पड़ोसी मुल्क के हालात बिगड़ने का असर टेक्सटाइल इंडस्ट्री पर भी देखने को मिलेगा. विदेशी खरीदारों के बांग्लादेश से हटकर भारत जैसे दूसरे देशों में फोकस करने की उम्मीद की जा रही है. इस संकट के बाद यदि बांग्लादेश के निर्यात का 10-11 प्रतिशत भी भारत के कपड़ा केंद्र तिरुप्पुर में आता है तो देश को हर महीने 300-400 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त कारोबार मिलेगा. बिजनेस स्टैंडर्ड में प्रकाशित खबर के अनुसार तिरुप्पुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के चेयरमैन केएम सुब्रमण्यन ने कहा ‘हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश संकट के बाद तिरुप्पुर में पहले के मुकाबले ऑर्डर बढ़ जाएंगे. इस वित्तीय वर्ष में हमें पिछले साल की तुलना में कम से कम 10 प्रतिशत ज्यादा ऑर्डर मिलने की उम्मीद है.’
हर महीने 3.8 बिलियन डॉलर का निर्यात
आपको बता दें बांग्लादेश हर महीने 3.5 से 3.8 बिलियन डॉलर के कपड़े का निर्यात करता है. यूरोपियन यूनियन और यूनाइटेड किंगडम में इसकी बड़ी हिस्सेदारी है. अमेरिका में इसका 10 प्रतिशत बाजार है. भारत हर महीने 1.3 से 1.5 बिलियन डॉलर के कपड़े निर्यात करता है. इंडियन टेक्सटाइल एक्सपोर्ट्स के संगठन, इंडियन टेक्सप्रेनर्स फेडरेशन के सेक्रेटरी प्रभु दामोदरन ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है और यदि यह समस्या लंबे समय तक रही तो खरीदारों की सोच पर असर पड़ेगा. शुरुआत में खरीदार कुछ ऑर्डर भारत और दूसरे देशों में शिफ्ट कर सकते हैं. हम 300-400 मिलियन डॉलर के एक्सट्रा ऑर्डर संभाल सकते हैं.’
25 प्रतिशत कंपनियों का मालिकाना हक भारतीयों के पास
बांग्लादेश का यह संकट ऐसे समय आया है जब पड़ोसी मुल्क को उम्मीद थी कि बांग्लादेश का 2024 में सालाना निर्यात 50 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा. साल 2023 में निर्यात का यह आंकड़ा करीब 47 बिलियन डॉलर था. इसके अलावा, बांग्लादेश में भारतीयों के स्वामित्व वाली यूनिट भी अपना बिजनेस भारत में ट्रांसफर कर सकती हैं. ट्रेड पॉलिसी एनालिस्ट एस चंद्रशेखरन कहते हैं बांग्लादेश में करीब 25 प्रतिशत कंपनियों का मालिकाना हक भारतीयों के पास है. इनमें शाही एक्सपोर्ट्स, हाउस ऑफ पर्ल फैशन्स, जय जय मिल्स, टीसीएनएस, गोकादास इमेजेज और अंबत्तुर क्लोथिंग जैसी कंपनियां प्रमुख रूप से शामिल हैं.
चंद्रशेखरन ने कहा, इस संकट के बाद माल की आवाजाही रुक गई है. आने वाले क्रिसमस सीजन के लिए सप्लाई चेन बाधित हो गई है. भारत को यहां फायदा है क्योंकि ऑर्डर डायवर्ट किए जाएंगे.’ ग्लोबल लेवल पर अचानक आई गिरावट की भरपाई भारतीय निर्यात के जरिये की जा सकती है.’
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