शिंदे सरकार को बड़ी राहत; हाई कोर्ट ने ‘लाड़ली बहन’ योजना के खिलाफ याचिका खारिज की!
1 min read
|
|








इस योजना के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि इससे राज्य के खजाने पर वित्तीय बोझ पड़ेगा।
शिंदे सरकार ने इस साल के अंतरिम बजट में लाड़ली बहन योजना लॉन्च की थी. सरकार ने इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह देने का फैसला सुनाया था. हालाँकि, इस योजना के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि इससे राज्य के खजाने पर वित्तीय बोझ पड़ेगा। इस बीच अब इस याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
कुछ दिन पहले नवी मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीद अब्दुल सईद मुल्ला ने वकील ओवैस पेचकर की लाड़ली बहन, लाडला भाई योजना के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में दलील दी गई कि इन योजनाओं से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. इस योजना पर कुल 24,600 करोड़ रुपये खर्च होने हैं. चूंकि राज्य पर पहले से ही 7.8 लाख करोड़ का कर्ज है, इसलिए इस योजना का भारी बोझ राज्य के खजाने पर पड़ेगा. याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार के वित्त विभाग ने भी इन योजनाओं को लेकर चिंता व्यक्त की थी, फिर भी राज्य कैबिनेट ने राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित होकर इन योजनाओं को मंजूरी दे दी।
हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी
इस बीच आज मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय की पीठ के समक्ष इस याचिका पर सुनवाई हुई. इस बार कोर्ट ने ये याचिका खारिज कर दी. बॉम्बे हाई कोर्ट ने साफ किया कि ये सरकार का रणनीतिक फैसला है, इसे टाला नहीं जा सकता.
लाड़ली बहन की योजना क्या है?
राज्य की शिंदे सरकार ने इस बजट में ‘मुख्यमंत्री मेरी लाड़ली बहन’ योजना की घोषणा की है. इस योजना के तहत 21 से 65 वर्ष की पात्र महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। इससे करीब एक करोड़ महिलाओं को फायदा होगा और यह योजना जुलाई से लागू होगी. इसके लिए सरकार पर प्रति वर्ष 46 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा. इस योजना के लिए आवेदन 1 जुलाई से शुरू हो गए हैं. 31 अगस्त आवेदन करने की आखिरी तारीख है.
About The Author
|
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space












Recent Comments