सुलगते मणिपुर से बड़ी खबर, पहली बार BJP सरकार ने कुकी-मैतई में करवा दी दोस्ती, जानें कैसे माने लोग.
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जातीय हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर से बड़ी खबर सामने आई है. एक दूसरे के खून के प्यासे कुकी-मैतई समुदाय ने हिंसा की जगह शांति के लिए हाथ बढ़ाया है, बीजेपी सरकार के लिए यह कदम राहत जरूर देगा, अभी तक मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर बीजेपी सरकार पर खूब सवाल उठाए जा रहे हैं.
मणिपुर में 3 मई 2023 से कुकी और मैतई समुदाय के बीच हिंसा का दौर जारी है. इसी बीच मणिपुर के जिरीबाम जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है. हिंसा के बाद यह पहली बार हुआ कि पूरे राज्य में किसी जिले में दोनों समुदाय के लोगों ने शांति की बात की है. दोनों समुदायों ने शांति बनाए रखने के लिए सहमत हुए हैं. अशांत क्षेत्र में शांति लाने में विफल रहने के लिए आलोचनाओं का सामना कर रही मणिपुर की भाजपा सरकार के लिए यह पहली सफलता है.
कुकी-मैतई ने ‘शांति समझौते’ पर किए हस्ताक्षर
जिरीबाम जिले में गुरुवार को मैतई और कुकी-चिन-जो जातीय समूह ने शांति समझौते पर साइन किया है. दो समुदायों के बीच बढ़ी दुश्मनी को कम कराने, शांति समझौता के लिए एक साथ दोनों समुदायों को पहली मनाना, बीजेपी के लिए यह सुखद पहल है. दोनों पक्षों ने शांति समझौता पर हस्ताक्षर करके पूरे राज्य के लिए एक शांति का संदेश जरूर दे दिया है.
सुरक्षाबलों का करेगा सहयोग
इस शांति समझौते के तहत जिरीबाम जिले में दोनों पक्ष आगजनी और गोलीबारी की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षाबलों का सहयोग करेंगे और स्थिति सामान्य करने की दिशा में काम करेंगे. सरकारी सूत्रों ने इसे मणिपुर की घाटी और पहाड़ी क्षेत्रों में शांति वापस लाने की उनकी योजनाओं की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि बताया है.
मीटिंग में हुआ यह फैसला
जिरीबाम के CRPF ग्रुप सेंटर में गुरुवार को कुकी और हमार कम्युनिटी (मैतई) के बीच एक मीटिंग हुई. यह मीटिंग CRPF, असम राइफल्स और डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर ने आयोजित कराई थी. इसी मीटिंग में दोनों पक्षों ने एग्रीमेंट पर साइन किया.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि यह अभी एक ही जिले तक सीमित है, लेकिन हमारा अंतिम लक्ष्य राज्य में शांति बहाल कर स्थिति पहले जैसे सामान्य करना है. इसी दिशा में आगे बढ़ने के लिए यह समझौता पहला कदम है. दोनों पक्षों के बीच अब अगली मीटिंग 15 अगस्त के बाद होगी.
मणिपुर में शांति के लिए राज्य सरकार कर रही मेहनत: सीएम बीरेन सिंह
इससे पहले मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह ने राज्य विधानसभा के मानसून सत्र में बताया था कि सरकार शांति वार्ता के लिए कड़ी मेहनत कर रही है और जिरीबाम जिले की सीमा से लगे असम के सिलचर में कई चर्चाएँ हुई हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही एक घोषणा की जाएगी. असम के कछार जिले में सिलचर के पास दयापुर में सीआरपीएफ समूह केंद्र में गुरुवार सुबह सुलह बैठक हुई, जिसका संचालन जिरीबाम जिला प्रशासन ने किया. बैठक जिरीबाम जिले के मैतेई और हमार समुदायों के प्रतिनिधियों के बीच हुई. जिरीबाम जिले के अन्य आदिवासी समुदायों – पैते, थाडौ और मिजो – के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल हुए.
जिरीबाम में जमकर हुई हिंसा
पिछले साल 3 मई से लेकर इस साल 6 जून तक बड़े पैमाने पर हुई हिंसा से जिरीबाम जिला काफी हद तक अप्रभावित रहा, जब 59 वर्षीय मैतेई किसान सोइबाम सरतकुमार सिंह लापता हो गए. पिछले महीने, जिरीबाम जिले में राज्य पुलिस के साथ एक संयुक्त गश्ती दल पर संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में एक सीआरपीएफ जवान की मौत हो गई और तीन अन्य सुरक्षाकर्मी घायल हो गए.
मणिपुर हिंसा में 226 लोगों की मौत
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन ने बुधवार को विधानसभा को बताया था कि मई 2023 से राज्य में जारी हिंसा के कारण 226 लोगों की मौत हो गई है और 39 लोग लापता हैं, जबकि 59,414 लोग (मंगलवार तक) राहत शिविरों में हैं. हिंसा के संबंध में 11,133 घरों को आग लगा दी गई है और विभिन्न पुलिस स्टेशनों में 11,892 मामले दर्ज किए गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट के जवाब में राज्य सरकार ने विस्थापित आबादी को आश्रय देने के लिए 302 राहत शिविर स्थापित किए हैं.
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