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    April 23, 2025

    बंजर जमीन से मुकेश अंबानी ने कैसे उगाया ‘सोना’? तेल और Jio के बाद रिलायंस ने खेती में भी गाड़े झंडे।

    1 min read
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    अनंत अंबानी की प्री वेड‍िंग में जब देश और दुन‍िया के मेहमान जामनगर पहुंचे थे तो उनके ल‍िए वहां की हर‍ियाली खासा आकर्षण का केंद्र रही. र‍िफाइनरी के पास मौजूदा आम का बाग आज दुन‍ियाभर में र‍िलायंस की परचम लहराने में मदद कर रहा है.

    देश के सबसे अमीर ब‍िजनेसमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) तेल, र‍िलायंस ज‍ियो (Reliance Jio) और रिटेल सेक्‍टर के बाद खेती में भी अपना परचम लहरा रहे हैं. ऑयल और र‍िलायंस ज‍ियो के दम पर दुन‍िया के टॉप कारोबार‍ियों में शाम‍िल मुकेश अंबानी अब एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर में लगातार धाक जमा रहे हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज के नेतृत्व में उन्‍होंने कंपनी को दुनिया की सबसे बड़ी आम निर्यातक फर्म बनाया है. यह सब जानने के बाद आपकी यह जानने में द‍िलचस्‍पी हो सकती है आख‍िर मुकेश अंबानी आम के कारोबार में इतना आगे कैसे बढ़ गए? आइए हम आपको बताते हैं

    जब पॉल्‍यूशन से हो रही थी प्रॉब्‍लम
    बात 1997 की है जब गुजरात की जामनगर रिफाइनरी से होने वाले पॉल्‍यूशन बड़ी समस्‍या बन रहा था. तब रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इससे छुटकारा पाने के ल‍िए ऐसा सॉल्‍यूशन न‍िकाला क‍ि आज उसकी दुन‍ियाभर में तारीफ हो रही है. कंपनी ने प्रदूषण को कम करने और सरकारी नियमों का पालन करने के लिए आसपास की बंजर जमीन को एक विशाल आम के बाग में बदलने का फैसला क‍िया. इस पहल का मकसद प्रदूषण कम करने के साथ ही रिफाइनरी के चारों तरफ ग्रीन बेल्‍ट बनाना था.

    600 एकड़ जमीन में 1.3 लाख आम के पेड़
    600 एकड़ में फैले आम के इस बाग का नाम रिलायंस के फाउंडर धीरूभाई अंबानी के नाम पर है. बाग में 200 से ज्यादा वैरायटी के करीब 1.3 लाख आम के पेड़ हैं. इलाके की ज्यादा खारी और सूखी जमीन में आम के पेड़ों की बेहतर पैदावार में के ल‍िए रिलायंस ने आधुनिक तकनीक का सहारा लिया है. इन टेक्‍न‍िक में खारे पानी को साफ पानी में बदलने का प्‍लांट था. इस प्‍लांट के जर‍िये प्रदूषण को काफी हद तक कम क‍िया गया. इसके अलावा वाटर हारवेस्‍ट‍िंग, ड्र‍िप इर‍िगेशन और एक साथ उर्वरक जैसी उन्‍नत कृषि तकनीक का भी सहारा ल‍िया गया.

    हर साल 600 टन आम की पैदावार
    मुकेश अंबानी के इस बाग में आम की कई तरह की वैरायटी हैं. इनमें देश की फेमस वैरायटी जैसे-केसर, अलफांसो, रत्‍ना, सिंधु, नीलम और आम्रपाली के अलावा विदेशी वैरायटी फ्लोरिडा से टॉमी एटकिंस, केंट और इजरायल से लिली, कीट और माया का उत्‍पादन क‍िया जाता है. बाग से हर साल करीब 600 टन आम का उत्पादन करने वाली रिलायंस देश ही नहीं एशिया की सबसे बड़ी आम एक्‍सपोर्ट कंपनी बनकर उभरी है. मैंगो एक्‍सपोर्ट के मामले र‍िलायंस देश और दुन‍िया की टॉप कंपन‍ियों में शाम‍िल है.

    आम के ब‍िजनेस के अलावा रिलायंस की तरफ से हर साल जामनगर के क‍िसानों को आम के एक लाख पौधे बांटे जाते हैं. इसके अलावा नई एग्रीकल्‍चर टेक्‍न‍िक पर बेस्‍ड ट्रेन‍िंग सेशन का भी आयोजन र‍िलायंस की तरफ से क‍िसानों के ल‍िए क‍िया जाता है.

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