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    April 23, 2025

    सरकारी कर्मचारियों के RSS में शामिल होने पर अब कोई रोक नहीं है, केंद्र सरकार ने 58 साल पहले लगा प्रतिबंध हटा दिया है.

    1 min read
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    नरेंद्र मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया है और उनके RSS में शामिल होने पर रोक लगा दी गई है.

    केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या आरएसएस में शामिल होने पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है. केंद्र सरकार द्वारा 9 जुलाई को लिए गए इस फैसले का अध्यादेश बीजेपी के मीडिया सेल प्रमुख अमित मालवीय ने अपने एक्स अकाउंट पर शेयर किया है. 1966 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस संबंध में फैसला लिया था. 58 साल का यह प्रतिबंध अब हटा लिया गया है. भारतीय जनता पार्टी के मीडिया सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इस संबंध में सरकारी आदेश को अपने एक्स अकाउंट पर शेयर किया है और इस पर एक विस्तृत पोस्ट भी लिखा है. संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है और चूंकि केंद्र सरकार ने यह फैसला उसी दिन लिया है, इसलिए इस पर सियासी घमासान देखने को मिलने की संभावना है.

    केंद्र के आदेश में क्या है?
    केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग की ओर से सरकारी कर्मचारियों के लिए जारी इस आदेश के मुताबिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम उन कार्यक्रमों की सूची से हटा दिया गया है जिनमें सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी प्रतिबंधित कर दी गई है. तो अब सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रमों में हिस्सा ले सकेंगे. इस आदेश में 30 नवंबर 1966, 25 जुलाई 1970 और 28 अक्टूबर 1980 को जारी शासनादेशों का उल्लेख किया गया है.

    अमित मालवीय की पोस्ट और कांग्रेस की आलोचना
    इसी बीच इस आदेश के मौके पर अमित मालवीय ने कांग्रेस पर तंज कसा है. “मोदी सरकार ने 58 साल पहले 1966 में तत्कालीन सरकार द्वारा जारी किए गए अतिरिक्त-संवैधानिक आदेशों को वापस ले लिया है, जिसमें कर्मचारियों को आरएसएस के कार्यक्रमों में भाग लेने से रोका गया था। तब जारी किया गया आदेश बुनियादी तौर पर ग़लत था. 7 नवंबर 1966 को संसद परिसर में गौहत्या विरोधी मार्च का आयोजन किया गया था. इसमें बड़ी संख्या में आरएसएस और जनसंघ के समर्थक शामिल हुए. उस समय पुलिस फायरिंग में कई लोग मारे गये थे. यह आदेश इसी पृष्ठभूमि में जारी किया गया था”, अमित मालवीय ने पोस्ट में कहा।

    अमित मालवीय ने इस पोस्ट में यह भी बताया कि ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जनसंघ के डर से इंदिरा गांधी ने 30 नवंबर 1966 को सरकारी कर्मचारियों को संघ के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने से रोक दिया था.’

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