Kargil Vijay @25: 35 साल बाद संयोग! कारगिल में जिसने छुड़ाए थे पाकिस्तान के छक्के, अब उनका बेटा संभाल रहा वही टुकड़ी।
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पूर्व भारतीय सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने 35 साल पहले जिस डिवीजन की कमान संभाली थी उनके बेटे सचिन मलिक इन दिनों उस डिवीजन के प्रमुख हैं. एक दिलचस्प बात और है कि आज से 25 साल पहले कारगिल युद्ध के दौरान मेजर जनरल वीपी मलिक देश के सेना प्रमुख थे.
आज से पहले 25 साल पहले 1999 कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की शानदार जीत के समय सेना प्रमुख रहे जनरल वीपी मलिक के साथ शानदार संयोग सामने आए हैं. कारगिल विजय से 10 साल पहले जनरल वीपी मलिक ने भारतीय सेना के 8-माउंटेन डिवीजन का नेतृत्व किया था. अब 35 साल बाद उनके बेटे मेजर जनरल सचिन मलिक इस डिवीजन की कमान संभाल रहे हैं.
सेना में ‘फॉरएवर इन ऑपरेशंस’ नाम से मशहूर है 8-माउंटेन डिवीजन
दूसरा दिलचस्प ऐतिहासिक तथ्य यह भी है कि भारतीय सेना के ‘फॉरएवर इन ऑपरेशंस’ नाम से मशहूर 8-माउंटेन डिवीजन ने ही 1999 में द्रास-मस्कोह सेक्टर में घुसपैठिए को देखकर पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए नेतृत्व किया था. यह दोनों ही असाधारण संयोग महज किस्मत का मोड़ नहीं है, बल्कि परिवार के भीतर सैन्य सेवा की विरासत और उसकी निरंतरता के बारे में बताता है.
कारगिल युद्ध की 25वीं वर्षगांठ मनाने द्रास पहुंचे जनरल वीपी मलिक
रिपोर्ट्स के मुताबिक कारगिल युद्ध की 25वीं वर्षगांठ मनाने के लिए भारतीय सेना द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए द्रास जाने के दौरान पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने इस बारे में पूछे जाने पर साफ कहा कि वह “इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि उनका बेटा एक वर्दीधारी सैनिक है.” हालांकि, उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से परिवार के लिए गर्व की बात है कि सचिन मलिक सेना के उस डिवीजन की कमान संभाल रहे हैं जिसने कारगिल युद्ध के दौरान प्रमुख भूमिका निभाई थी.
जनरल मलिक ने 1989 में किया था 8-माउंटेन डिवीजन का नेतृत्व
दिलचस्प बात यह है कि जनरल वीपी मलिक ने साल 1989 में 8-माउंटेन डिवीजन का नेतृत्व भी किया था. इसे पॉपुलर तौर पर ‘फॉरएवर इन ऑपरेशंस’ भी कहा जाता है. पूर्व सेना प्रमुख जनरल मलिक के बेटे मेजर जनरल सचिन मलिक ने फरवरी 2023 में मेजर जनरल नागेंद्र सिंह से डिवीजन के 42वें जीओसी के रूप में 8-माउंटेन डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) का कार्यभार ग्रहण किया था.
लद्दाख के खुंबाथांग में सेना के 8-माउंटेन डिवीजन का मुख्यालय
भारतीय सेना के इस 8-माउंटेन डिवीजन का मुख्यालय केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के खुंबाथांग में है. इसे नियंत्रण रेखा की देखभाल का काम सौंपा गया है. यह डिवीजन वर्तमान में सेना की XIV कोर का हिस्सा है, जो लेह में स्थित है. इससे पहले, 8-माउंटेन डिवीजन उत्तर-पूर्वी सेक्टर में स्थित था और दिलचस्प बात यह है कि इसे 80 के दशक के अंत में जनरल, तत्कालीन मेजर जनरल, वीपी मलिक द्वारा कश्मीर में ट्रांसफर किया गया था.
कारगिल युद्ध में 8-माउंटेन डिवीजन ने बनाया था ऑपरेशंस का ड्राफ्ट
कारगिल युद्ध के दौरान, पूरे सैन्य अभियान का मसौदा 25 साल की 8-माउंटेन डिवीजन द्वारा तैयार किया गया था. इसने प्रभावित क्षेत्र पर फिर से कब्जा करने के लिए दुश्मन पर घातक हमले किए थे. युद्धकाल के लिए तीन सर्वोच्च वीरता पुरस्कार, परमवीर चक्र (पीवीसी) और युद्धकाल के लिए आठ दूसरे सर्वोच्च वीरता पुरस्कार, महावीर चक्र (एमवीसी) उन सैनिकों को दिए गए जो 8-माउंटेन डिवीजन की कमान के तहत लड़ रहे थे.
पिता-पुत्र ही नहीं मां डॉक्टर रंजना मलिक ने भी की सेना में सर्विस
जनरल वीपी मलिक और उनके बेटे मेजर जनरल सचिन मलिक दोनों को शुरुआत में एक ही रेजिमेंट, सिख लाइट इन्फैंट्री (सिख एलआई) में नियुक्त किया गया था. जनरल वीपी मलिक की पत्नी रंजना मलिक भी डॉक्टर के तौर पर सेना में काम कर चुकी हैं. उन्हें कैप्टन के रूप में नियुक्त किया गया था और पांच साल की सेवा पूरी होने पर वह ओएनजीसी में शामिल हो गईं.
जनरल मलिक की बेटी नमिता अमेरिका में फाइनेंस सेक्टर में एक्टिव
ओएनजीसी में 20 साल की सेवा पूरी होने पर डॉक्टर रंजना मलिक ने समय से पहले रिटायरमेंट ले ली. डॉ रंजना मलिक दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की पूर्व छात्रा हैं. वहीं, जनरल वीपी मलिक की बेटी नमिता ने भारत में इंजीनियरिंग करने के बाद अमेरिका में एमबीए किया और अब वहां फाइनेंस सेक्टर में काम करने वाली एक सीनियर शख्सियत हैं.
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