Green Energy: बजट 23-24 में 35 हजार करोड़ रुपये का प्रबंध, जानें हरित ऊर्जा के लिए क्या है सरकार का प्लान |
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Green Energy: वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में ‘हरित विकास’ के लिए कई उपायों की घोषणा की है। केंद्रीय बजट में 35,000 करोड़ रुपये के प्रावधान से एनर्जी ट्रांसमिशन और शून्य कार्बन उत्सर्जन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लक्ष्य को गति मिलेगी।
जब भारत आगे बढ़ता है, तब दुनिया आगे बढ़ती है। जब भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार होता है तो इसका सकारात्मक असर दुनिया पर भी पड़ता है। इसका साफ मतलब यह है कि जब भारत प्रगति करता है तो विश्व के विकास को गति मिलती है।यह बात क्लीन एनर्जी ट्रांसमिशन के क्षेत्र पर भी लागू होता है। भारत शून्य उत्सर्जन के साझा वैश्विक लक्ष्य में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में उभर रहा है। जैक्सन ग्रीन के एमडी और सीईओ बिकेश ओगरा के अनुसार केंद्र सरकार और उद्योग जगत के लीडर्स की प्रगतिशील सोच और प्रयासों ने हमें पहले ही क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन के रास्ते पर पहले ही मजबूती से स्थापित कर दिया है, उसके बाद हाल ही में घोषित केंद्रीय बजट 2023 ने इसकी गति को आगे बढ़ाने में मदद की है।
देश के जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार ने हरित विकास को अगले साल के लिए अपनी प्रमुख बजट प्राथमिकताओं में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में ‘हरित विकास’ के लिए कई उपायों की घोषणा की है। केंद्रीय बजट में 35,000 करोड़ रुपये के प्रावधान से एनर्जी ट्रांसमिशन और शून्य कार्बन उत्सर्जन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लक्ष्य को गति मिलेगी। वित्त मंत्री ने आगे कई सुधारों की घोषणा की है और अक्षय ऊर्जा उत्पादन के लिए जरूरी गति देने के लिए भविष्य के दृष्टिकोण को निर्धारित किया है।
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के लिए ₹19,700 करोड़ का किया गया आवंटन
केंद्रीय बजट निकट भविष्य में हरित ऊर्जा उद्योग के लिए मददगार साबित होगा और ईंधन, खेती, गतिशीलता, भवनों, उपकरणों आदि के हरितकरण से संबंधित कई योजनाओं व पहलों के साथ इसे और आगे बढ़ने की सुविधा प्रदान करेगा। हाल ही में शुरू किए गए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को ₹19,700 करोड़ का परिव्यय आवंटित किया गया है, जिसके भारत को 2030 तक 5 एमएमटी (मिलियन मीट्रिक टन) हरित हाइड्रोजन के वार्षिक उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री ने ग्रीन हाइड्रोजन बनाने में उपयोग किए जाने वाले सौर मॉड्यूल और इलेक्ट्रोलाइज़र सहित महत्वपूर्ण स्वच्छ ऊर्जा उपकरणों के निर्माण के लिए प्रोत्साहन की भी घोषणा की है। जब इन पर अमल होगा, तब ये प्रोत्साहन जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भरता को कम करके भारत को निम्न-कार्बन अर्थव्यवस्था बना सकते हैं और 2070 की तय समय-सीमा से पहले ही देश को शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन के अपने लक्ष्य तक पहुंचा सकते हैं।
अक्षय ऊर्जा के उत्पादन के लिए अधिक धूप वाले क्षेत्रों को तरजीह
हमारा देश सौर ऊर्जा क्षमता से संपन्न है। भारत की जमीन पर इससे लगभग 5,000 ट्रिलियन kWh (किलोवाट-घंटे) ऊर्जा हर साल प्राप्त होती है और देश के ज्यादातर हिस्सों में हर रोज 4-7 kWh प्रति वर्ग मीटर ऊर्जा प्राप्त होती है। इनका बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर, विशेष रूप से देश भर में बड़े अनुकूल दूरस्थ क्षेत्रों में इंस्टॉलेशंस से हम अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में सक्षम हो सकते हैं।
बिकेश ओगरा के अनुसार, “यह प्रशंसनीय बात है कि केंद्रीय बजट 2023 में लद्दाख में उत्पन्न होने वाली 13 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापना और ग्रिड एकीकरण के लिए एक अंतरराज्यीय पारेषण प्रणाली का प्रावधान किया गया है। परियोजना के निर्माण पर 20,700 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिसमें केंद्र सरकार 8,300 करोड़ रुपये देगी। साल में औसतन 325 धूप वाले दिन और प्रति दिन 400 बिलियन kWh से अधिक की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता के साथ लद्दाख इस ऐतिहासिक परियोजना के लिए आदर्श स्थान है।
हाइड्रोजन और बायोगैस के रूप में हरित ऊर्जा के उत्पादन में काफी प्रगति कर रहा देश
भारत पहले से ही सौर, हाइड्रोजन और बायोगैस के रूप में हरित ऊर्जा के उत्पादन में काफी प्रगति कर रहा है, लेकिन हमें उनकी अधिकतम क्षमता का दोहन करने के लिए नवीन बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों की आवश्यकता है। वित्त मंत्री ने इसकी स्पष्ट समझ के साथ 4,000 मेगावाट (मेगावाट घंटे) की क्षमता वाली बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के लिए पीपीपी परियोजनाओं को पूंजीगत सहायता प्रदान करने के लिए अंतर वित्त पोषण तंत्र तैयार करने की घोषणा की है। इसके अलावा, इस घोषणा ने यह भी संकेत दिया है कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से हरित विकास एजेंडा की सहायता के लिए महत्वपूर्ण समर्थन भी प्रदान किया जाएगा, जिसमें पुराने वाहनों को स्क्रैप करने और बदलने, बैटरी भंडारण प्रणालियों को तेज करने, संपीड़ित बायोगैस संयंत्रों की स्थापना और परिवहन के सस्ते साधनों को बढ़ावा देने के लिए तटीय नौवहन को बढ़ावा देने में समर्थन प्रदान करना शामिल है।
केंद्रीय बजट में योजनाओं की लॉन्चिंग और उसके लिए धन आवंटन के बीच संतुलन
इस वर्ष के केंद्रीय बजट ने योजनाओं को लॉन्च करने और उसके लिए धन आवंटित करने के बीच सही संतुलन बनाया है। हरित विकास को और बढ़ावा देने के लिए सरकार पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत एक हरित ऋण कार्यक्रम को अधिसूचित करने की योजना बना रही है। इस कार्यक्रम से कंपनियों, व्यक्तियों और स्थानीय निकायों द्वारा पर्यावरणीय रूप से स्थायी व उत्तरदायी कार्यों को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
ओगरा का कहना है कि सरकार और उद्योग जगत देश को हरित ऊर्जा हब के रूप में विकसित करने और हरित ऊर्जा का शुद्ध निर्यातक बनने की महत्वाकांक्षा को प्राप्त करने के हमारे सामूहिक संकल्प में एक साथ खड़े रहते हैं।
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