चीन तैयार है लेकिन… $1 बिलियन का प्रोजेक्ट भारत को देगा बांग्लादेश, शेख हसीना ने ड्रैगन को दिखाई ‘लाल आंख’.
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बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने कहा कि वह तीस्ता नदी परियोजना को पूरा करने के लिए चीन के बजाय भारत को तरजीह देंगी.
बांग्लादेश ने तीस्ता नदी से जुड़े अहम प्रोजेक्ट के लिए चीन नहीं, भारत को चुना है. पीएम शेख हसीना ने घोषणा की है कि एक बिलियन डॉलर के इस प्रोजेक्ट को भारत पूरा करेगा. हसीना ने रविवार को ढाका में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘चीन तैयार है लेकिन मैं चाहती हूं इसे (इस प्रोजेक्ट को) भारत करे.’ बांग्लादेश का यह फैसला भारत की सुरक्षा चिंताओं को विराम देगा.
हसीना ने रविवार शाम को ढाका में कहा, “…मैं प्राथमिकता दूंगी कि भारत इसे (तीस्ता परियोजना) करे. भारत के पास तीस्ता नदी का पानी है… इसलिए, उन्हें यह परियोजना करनी चाहिए और यदि वे परियोजना करते हैं तो वे यहां जो भी आवश्यक होगा, वह देंगे.’
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हसीना की हालिया बीजिंग यात्रा के दौरान चीन इस प्रोजेक्ट को लेकर गंभीर नहीं दिखा. बीजिंग द्वारा 5 अरब डॉलर के वित्तीय पैकेज से पीछे हटने तथा उन्हें पर्याप्त प्रोटोकॉल न देने के कारण हसीना ने अपनी चीन यात्रा बीच में ही रोक दी.
क्या तीस्ता नदी का प्रोजेक्ट?
बांग्लादेश चाहता है कि तीस्ता नदी के पानी को बेहतर ढंग से मैनेज किया जाए. 414 किलोमीटर लंबी यह नदी भारत से निकलकर बांग्लादेश में बहती है. ढाका की पहल पर, तीस्ता के पानी को संरक्षित करने और उसका बेहतर प्रबंधन किया जाना है. तीस्ता के नदी बेसिन को विकसित करने पर जून में हसीना की नई दिल्ली यात्रा के दौरान प्रमुखता से चर्चा हुई थी.
चीन ने मौका देख चला था दांव
भारत और बांग्लादेश कई नदियां साझा करते हैं जो हिमालय से निकलकर बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं. तीस्ता के पानी को बांटने पर समझौता 2011 में ही हो चुका था लेकिन पश्चिम बंगाल की आपत्ति के चलते उसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका. भारत के देरी करने को चीन ने मौके की तरह देखा और अपना प्रस्ताव बांग्लादेश को भिजवा दिया.
चीनी इंजीनियर भारतीय सीमा के इतना करीब काम करें, यह भारत को कभी नहीं सुहाता. इसलिए इसी साल भारत ने भी अपना ऑफर बांग्लादेश के सामने रखा. हसीना ने कहा, ‘चीन ने हमें प्रस्ताव दिया है, उन्होंने फिजिबिलिटी स्टडी की है. भारत ने भी प्रस्ताव दिया है और वह फिजिबिलिटी स्टडी अध्ययन करेगा.” उन्होंने आगे कहा, “लेकिन मैं इसे भारत द्वारा किए जाने को अधिक प्राथमिकता दूंगी, क्योंकि भारत ने तीस्ता के पानी को रोक रखा है.’
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