JNU में खुलेंगे Religion स्टडी सेंटर; हिंदू-बौद्ध और जैन अध्ययन केंद्र में छात्र कर सकेंगे शोध, ऐसे होगा दाखिला।
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जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी ने हिंदू, बौद्ध और जैन अध्ययन केंद्र शुरू करने का फैसला लिया है, यहां स्टूडेंट्स प्राचीन भारतीय परंपरा में शोध कर सकेंगे. यहां जानिए इन स्टडी सेंटर कैसे एडमिशन लिया जा सकेगा…
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने हिंदू स्टडी सेंटर के साथ ही बौद्ध और जैन अध्ययन केंद्र भी खोलने का फैसला लिया है. JNU में एकेडमिक सेशन 2025-26 से तीन नए हिंदू बौद्ध और जैन अध्ययन केंद्रों की शुरुआत होगी. हाल में हुई अकादमिक परिषद की बैठक (Academic Council Meeting) में इस पर मुहर लग गई है. यूनिवर्सिटी की ओर से ऑफिशियल नोटिफिकेशन के जरिए यह जानकारी शेयर की गई. इसके मुताबिक संस्कृत और भारतीय अध्ययन स्कूल के तहत इन तीन नए केंद्रों को स्थापित किया जाएगा. इसका उद्देश्य प्राचीन भारतीय परंपरा में रिसर्च को बढ़ावा देना है.
कैसे होगा एडमिशन?
तीनों अध्ययन केंद्र से स्टूडेंट्स मास्टर्स और पीएचडी कर सकेंगे. जानकारी के मुताबिक इनमें दाखिले कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी CUET) के जरिए होंगे. इस साल सीयूईटी पीजी परीक्षा हो चुकी हैं. अगले सेशन में परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स यहां एडमिशन ले सकेंगे. शुरू में तीनों स्टडी सेंटर्स में 20-20 सीटें होंगी, जो बाद में बढ़ाई जाएंगी.
बता दें कि विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने 29 मई की एक बैठक में नए केंद्र स्थापित करने के फैसले को मंजूरी दी थी. जेएनयू ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) और भारतीय ज्ञान प्रणाली के कार्यान्वयन के बारे में और ज्यादा जानने और सिफारिश करने के लिए एक समिति गठित की थी.
9 जुलाई को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, “29 मई को कार्यकारी परिषद की गई बैठक में एनईपी-2020 और भारतीय ज्ञान प्रणाली और यूनिवर्सिटी में इसके आगे के कार्यान्वयन पर जानने और सिफारिश करने, संस्कृत और भारतीय अध्ययन स्कूल में निम्नलिखित केंद्रों की स्थापना के लिए गठित समिति की सिफारिश को मंजूरी दी है.”
DU पहले ही शुरू कर चुका है अध्ययन केंद्र
बता दें कि इससे पहले देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक दिल्ली यूनिवर्सिटी ने भी रिलीजन स्टडी सेंटर शुरू किया. पिछले साल ही डीयू ने हिंदू अध्ययन केंद्र की स्थापना की थी, जो मास्टर्स डिग्री प्रदान करता है. इसके अलावा डीयू में पहले से ही बौद्ध अध्ययन के लिए एक विभाग है. इस साल मार्च में इसे 35 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बौद्ध धर्म में उन्नत अध्ययन केंद्र स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मिली.
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