Success Story: पापा बेचते थे ठेले पर सब्जी, मां ने पढ़ाई के लिए गिरवी रखे जेवर, अब बेटी बनी अफसर।
1 min read
|








स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद, स्वाति ने सोलापुर के वालचंद कॉलेज से भूगोल में मास्टर्स की डिग्री हासिल की.
कई सक्सेस के पीछे सिर्फ एक व्यक्ति की मेहनत नहीं, बल्कि पूरे परिवार का त्याग होता है. स्वाति मोहन राठौर की भी ऐसी ही एक कहानी हैं. उन्होंने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) 2023 परीक्षा में 492वीं रैंक हासिल की थी.
स्वाति मोहन राठौर महाराष्ट्र के सोलापुर में रहने वाली एक सब्जी बेचने वाले की बेटी हैं. उनके तीन बहन और एक भाई हैं और पूरे परिवार को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा. लेकिन, इन मुश्किलों के बावजूद स्वाति ने अपने सपने को पूरा होने से नहीं रोका.
उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, “मेरी मां ने अपने जेवर गिरवी रख दिए थे, लेकिन उन्होंने ये बात कभी मुझपर बोझ नहीं बनने दी ताकि मैं पढ़ाई में ध्यान लगा सकूं.” परिवार बड़ा था और घर में कमाने वाले केवल उनके पिता थे. ऐसे में एक वक्त वो भी आया, जब पढ़ाई के लिए रुपयों की तंगी महसूस हुई. इस मुश्किल वक्त में स्वाति की मां सामने आईं और अपने गहने गिरवी रखकर रुपयों का इंतजाम किया.
मुंबई में सरकारी स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद स्वाति के परिवार के लिए वहां रहना बहुत मुश्किल हो गया. इस वजह से, उन्हें 400 किलोमीटर दूर सोलापुर जाना पड़ा.
स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद, स्वाति ने सोलापुर के वालचंद कॉलेज से भूगोल में मास्टर्स की डिग्री हासिल की. उसी दौरान उन्हें यूपीएससी परीक्षा देने की मोटिवेशन मिली. इस कठिन परीक्षा को पास करने में उन्हें पांच साल लग गए. स्वाति का कहना है कि, “मैंने समस्याओं से ज्यादा उनके समाधान पर ध्यान दिया और उसी दिशा में मेहनत की.”
उनके दृढ़ निश्चय की बदौलत, असफलता को पार करके उन्होंने आखिरकार सफलता हासिल कर ली. हर असफलता ने उनके हौसले को और भी मजबूत बनाया. इसलिए आज वो दूसरों के लिए लगन और दृढ़ता की प्रेरणा बन चुकी हैं.
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments